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सेना मोदी की निजी संपत्ति नहीं है, अजहर को NDA सरकार ने किया था रिहा : राहुल गांधी

लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रवाद को लेकर भाजपा के प्रचार पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना

लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रवाद को लेकर भाजपा के प्रचार पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘निजी संपत्ति’ नहीं है और पिछली राजग सरकार में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को छोड़ने का हवाला देते हुए भगवा दल पर आतंकवाद से निपटने में समझौता करने का आरोप लगाया।

आतंकवाद को एक बड़ा मुद्दा बताते हुए गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने आतंकवाद के साथ समझौता कर लिया है। उन्होंने कहा कि मोदी की अपेक्षा कांग्रेस आतंकवाद से ज्यादा सख्ती से निपटेगी और आरोप लगाया कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए सशस्त्र बलों का इस्तेमाल कर रही है।

कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक सिर्फ कागजों पर ही की है और विपक्ष के नेता इसे वीडियो गेम समझते हैं। गांधी ने कहा कि मोदी की यह टिप्पणी कांग्रेस का नहीं बल्कि सेना का अपमान है।

…जब राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री कम से कम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस तो करें !

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के शीघ्र बाद एक चुनावी रैली में इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जिक्र के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर गांधी ने कहा कि अजहर एक आतंकवादी है और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अजहर को रिहा किया था और उसे वापस पाकिस्तान भेजा था। गांधी ने सवाल किया, ‘ ‘उसको किसने वहां भेजा था? उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जा रहा, लेकिन उसको पहले किसने वहां भेजा? वह पाकिस्तान कैसे पहुंचा? क्या कांग्रेस पार्टी ने उसे पाकिस्तान भेजा था? किस सरकार ने आतंकवाद के साथ समझौता किया, किसने आतंकवाद के सामने घुटने टेके? किसने अजहर को वापस भेजा?’’

कांग्रेस अध्यक्ष, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के दौरान 1999 के कंधार विमान अपहरण के बाद अजहर की रिहाई का जिक्र कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस ने उसे (मसूद अजहर को) वापस नहीं भेजा था। सच्चाई यह है कि आतंकवाद के साथ भाजपा ने समझौता किया है। कांग्रेस ने कभी ऐसा नहीं किया। कांग्रेस ने कभी किसी आतंकवादी को पाकिस्तान नहीं भेजा और न ही आगे कभी वह ऐसा करेगी।’’ गांधी के साथ, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, अहमद पटेल, आनंद शर्मा और रणदीप सुरजेवाला मौजूद थे।

इंडियन एयरलाइन की उड़ान आईसी-814 का अपहरण आतंकवादियों ने कर लिया था। वाजपेयी नीत राजग सरकार ने बंधक बनाए गए विमान के यात्रियों की सुरक्षित रिहाई के लिए अजहर और दो आतंकवादियों मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को छोड़ा था। तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह और वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल तब विशेष विमान में मसूद अजहर के साथ थे। तब डोभाल खुफिया ब्यूरो के शीर्ष अधिकारी थे।

गांधी ने भाजपा पर सेना की कार्रवाइयों का श्रेय लेने और बेरोजगारी तथा किसानों की समस्या जैसे मुख्य मुद्दों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘ मोदी सोचते हैं कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना उनकी निजी संपत्ति हैं।’’

संप्रग सरकार के दौरान कांग्रेस ने जिन छह सर्जिकल स्ट्राइक्स का जिक्र किया उस पर गांधी का कहना है कि ये स्ट्राइक उनकी पार्टी ने नहीं बल्कि सेना ने किए।

उन्होंने कहा, ‘‘ जब मोदी कहते हैं कि भारतीय सेना का सर्जिकल स्ट्राइक वीडियो गेम था तब वह कांग्रेस का नहीं बल्कि सेना का अपमान करते हैं।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ सेना ने ये सर्जिकल स्ट्राइक किए। यह उनका काम है। हम सेना का राजनीतिकरण नहीं करते हैं। यह भारतीय सेना है, किसी व्यक्ति की निजी सेना नहीं है। प्रधानमंत्री के मन में इतना तो आदर होना चाहिए कि वह सेना का अपमान न करें।’’

उन्होंने कहा कि सेना अपना काम 70 साल से कर रही है और उसने हर जंग जीती है। गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के चार चरण के मतदान के बाद अब साफ महसूस किया जा रहा है कि भाजपा यह चुनाव हार रही है।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव के मुख्य मुद्दे रोजगार, किसानों की समस्या, प्रधानमंत्री का भ्रष्टाचार और संस्थाओं पर हो रहे हमले हैं। गांधी ने कहा, ‘‘ हमारा आंतरिक आकलन यह साफ बता रहा है कि भाजपा चुनाव हार रही है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा के चुनाव अभियान में दहशत के स्पष्ट संकेत हैं।

गांधी ने कहा, ‘‘ मैं उन्हें एक डरे हुए प्रधानमंत्री के रूप में देखता हूं जो विपक्ष के हमलों का सामना नहीं कर सकता है और वह बिल्कुल यह समझ चुके हैं कि वह फंस गए हैं। और चुनाव प्रचार में यह घबराहट दिख रही है।’’ कांग्रेस प्रमुख ने मोदी को रोजगार और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बहस करने की एक बार फिर चुनौती दी।

उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘‘ मैं उनसे अनिल अंबानी के घर के अलावा कहीं भी बहस कर सकता हूं।’’

गांधी ने राफेल सौदे पर भी मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि अगर मोदी बहस करने पर सहमति जताते हैं तो वह उनसे पूछेंगे कि राफेल में समानांतर वार्ता क्यों हुई?

उन्होंने कहा, ‘‘ राफेल सौदे में चौकीदार ने 30,000 करोड़ रुपये की चोरी की।’’

गांधी ने मोदी पर देश में नोटबंदी और ‘गलत’ जीएसटी लागू कर देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। ‘चौकीदार चोर है’ को लेकर उच्चतम न्यायालय में माफी मांगने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने इसलिए माफी मांगी क्योंकि अदालत में एक प्रक्रिया चल रही है और उन्होंने उस पर टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि वह भाजपा के खिलाफ अपने नारे और प्रधानमंत्री मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप पर बरकरार हैं। गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग विपक्ष के प्रति ‘पूरी तरह से पक्षपाती’ है। उन्होंने मोदी पर प्रेस वार्ता नहीं करने पर तंज भी कसा।

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