राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म व हिंदू, हिंदुत्व को लेकर जारी वार-प्रतिवार के बीच कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि धर्म किसी व्यक्ति विशेष का निजी मामला है न कि किसी पार्टी की बपौती।
भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस पर धर्म व जाति की राजनीति करने संबंधी आरोपों से जुड़े एक सवाल पर सिंधिया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘जहां तक किसी व्यक्ति के धर्म की बात है तो वह उस व्यक्ति का निजी मामला है। आप कहां जाओ, कहां आपकी आस्था है वह आपका निजी मामला है और कोई भी धर्म किसी पार्टी की बपौती नहीं है।’
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा था कांग्रेस अपने नेता के मजहब व जाति को लेकर दुविधा में है। सिंधिया के अनुसार वे मानते हैं कि धर्म के क्षेत्र में राजनीति का प्रवेश नहीं होना चाहिए और राजनीति के क्षेत्र में धर्म का प्रवेश नहीं होना चाहिए।
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भाजपा पर वार करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा,’ इनकी तो एक ही आदत है कहेंगे… मंदिर हम वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। यह भाजपा की असलियत है।’ सिंधिया ने कहा,’मैं तो स्वयं कह रहा हूं कि मंदिर बनाना सीखना है तो सिंधिया परिवार से सीख लें जिसने राजस्थान व उत्तर प्रदेश सहित देश भर में 60 मंदिर बनवाए । लेकिन कभी किसी जाति या बिरादरी के बीच झगड़ा नहीं हुआ।’
राम मंदिर निर्माण पर सिंधिया ने कहा,’ जो भी सर्वोच्च न्यायालय निर्णय लेगा उसको मानना एक नागरिक के रूप में आपका और हमारा दायित्व है।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने सिद्धांतों को लेकर पूरी तरह स्पष्ट है और भाजपा ने पूरे देश में जो असहिष्णुता का वातावरण बनाया है उसकी समाप्ति कांग्रेस करेगी।
उन्होंने कहा,’हमारी सोच व विचारधारा किसी एक समाज, एक वर्ग व एक श्रेणी की आर्थिक प्रगति की नहीं है। हमारी सोच और विचारधारा संर्वागीण विकास की है।’