पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज करतारपुर कॉरिडोर मामले में पाकिस्तान की सेना की तरफ से रची गई ‘बहुत बड़ी साजिश‘ करार दिया।
इमरान खान के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण से पहले पाकिस्तान सेना के जनरल जावेद बाजवा द्वारा करतारपुर कॉरिडोर को खोलने संबंधी खुलासा नवजोत सिंह सिद्धू से करने और अन्य तथ्यों की रू में कैप्टन इसे पाकिस्तान सेना की तरफ से रची गई एक बहुत बड़ साजिश बताया है।
आज एक टीवी चैनल को दिये गये इंटरव्यू में मुख्यमंत्री ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर को खोलना स्पष्ट तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) की योजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि लगता है कि पाकिस्तान सेना ने भारत के विरुद्ध एक बहुत बड़ साजिश रची है। पाकिस्तान की तरफ से पंजाब में आंतकवाद को फिर पैदा करने की कोशिशें किये जाने को स्वीकृत करते हुए उन्होंने कहा कि हर किसी को इससे सावधान रहना चाहिए।
‘आप’ के बागी नेताओं ने ‘इंसाफ मार्च’ शुरू किया, नई पार्टी का कर सकते हैं ऐलान
कैप्टन ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के मुद्दे को गैर जरूरी तरीके से उभारा जा रहा है और जो इसको उभार रहे हैं वह स्पष्ट तौर पर आईएसआई की योजना को देखने से असमर्थ हैं। कैप्टन ने पंजाब के मंत्री को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के हाथ की कठपुतली बताने के लिए अकालियों की तीखी आलोचना की है।
मुख्यमंत्री ने सिद्धू के साथ संबंधों के मुद्दे पर ‘अनावश्यक‘ विवाद खड़ करने के लिए अकालियों और भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यह अपनी पीठ ठोकने की जंग के अलावा और कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरहदी सूबे में अस्थिरता पैदा करना पाकिस्तान का उद्देश्य है और इसके लिए पंजाब में आतंकवादी सरगर्मियों के जरिये पाकिस्तान जानबूझ कर लगातार अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहा है जबकि अकाली -भाजपा इस अहम मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश के हिस्से के तौर पर सिद्धू का मुद्दा उभार रहे हैं।
कैप्टन ने कहा कि बंटवारे के समय से ही करतारपुर साहिब के लिए कॉरिडोर खोलने की माँग लंबित पड़ हुई है। श्री ननकाना साहिब, श्री पंजा साहिब, डेरा साहिब और करतारपुर साहिब जैसे बहुत से सिखों के धार्मिक स्थान बंटवारे के कारण पाकिस्तान में रह गए। यहाँ तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और डा. मनमोहन सिंह ने भी करतारपुर कॅरिडोर को खोलने का मुद्दा पाकिस्तान के समक्ष उठाया था। कैप्टन ने कहा कि उन्होंने खुद अपने पिछले कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के तत्कालीन मुख्यमंत्री परवेज इलाही और राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के सामने यह मुद्दा उठाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नि:संदेह इमरान खान भारत के साथ शान्ति और सदभावना की कोशिशें कर रहे हैं परंतु इसके साथ ही उन्हें पाकिस्तानी सेना के प्रमुख पर यह जोर भी डालना चाहिए कि सरहद पर हमारे सैनिकों की हत्याएं तुरंत रोकी जाएं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इतिहास यह बताता है कि अगर किसी प्रधानमंत्री को सत्ता में रहना है तो उसे सेना की लाईन पर चलना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में नवाज शरीफ़ की तरफ से दुबई में पाकिस्तानी सेना के साथ किये गये समझौते की भी मिसाल दी जिसके नतीजे के कारण वह लगातार प्रधानमंत्री रहे।
करतारपुर साहिब कॅरिडोर के लिए आधारशिला रखने के मौके पर पाकिस्तान न जाने संबंधी पूछे जाने पर कैप्टन ने कहा कि उन्होंने दोहराया कि ऐसा उन्होंने सीमा पर पाकिस्तानी सेना के भारतीय जवानों को मारने और सीमा पार आतंकवाद की घटनाओं के विरोध में किया था।
शिलान्यास कार्यक्रम में श्री सिद्धू के पाकिस्तान जाने के मुद्दे पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने श्री सिद्धू को बताया था कि उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मामलों के मंत्रालय की तरफ से आए न्यौते को लिखित तौर पर रद्द कर दिया है और उसकी प्रति भी सोशल मीडीया पर सांझी की थी।
कैप्टन ने कहा कि पाकिस्तान न जाने की सलाह दिए जाने के बावजूद श्री सिद्धू इमरान ़खान के साथ अपनी दोस्ती के कारण वहाँ गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गैर तर्कसंगत नहीं था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके भी वहां बहुत से दोस्त हैं परवेज इलाही शामिल हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह पिछले कार्यकाल के दौरान लगातार मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री इलाही उनको मिलने के लिए पटियाला में भी आए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सिद्धू एक ‘पसंद किये जाने योज्ञ‘ व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि उनके श्री सिद्धू के माँ-बाप के साथ भी गहरे संबन्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके और श्री सिद्धू के बीच कभी भी टकराव पैदा नहीं हुआ जैसा कि मीडिया में बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार चलाते समय उन्हें श्री सिद्धू के साथ किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आई।
कैप्टन ने कहा कि श्री सिद्धू हमेशा स्पष्ट बोलते हैं और उनकी एक ही समस्या है कि वह कई बार सोचने से पहले ही बोल जाते हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सिखों की धार्मिक भावनाओं से फ़यदा उठा के पंजाब में आंतकवाद को पैदा करने के लिए ‘सिक्ख्स फॉर जस्टिस‘ (एसएफजे) की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग खासकर देहाती इलाकों के सिख कथित‘जनमत संग्रह -2020‘ का समर्थन नहीं करेंगे। एसएफजे ने दावा किया है कि करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान का एक तोहफ़ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसएफजे की बात करने वाला पंजाब में कोई नहीं है।