मुंबई की एक विशेष अदालत ने धन शोधन और बैंकों के समूह को 6000 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में फरार शराब कारोबारी विजय माल्या की गिरफ्तारी का आदेश दिया। धनशोधन – निरोधक अदालत के विशेष न्यायाधीश एम एस आजमी ने माल्या और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के नए आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए उनकी (माल्या की) गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया।
अदालत ने माल्या की कंपनियों – किंगफिशर एयरलाइंस (केएफएल) और यूनाइटेड ब्रीवरीज होल्डिंग लिमिटेड (यूबीएचएल) को सम्मन भी जारी किया तथा मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। एजेंसी ने माल्या, उसकी कंपनियों – केएफएल और यूबीएचएल और अन्य के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपपत्र दायर किया है। इस आरोपपत्र को अभियोजन शिकायत के रुप में भी जाना जाता है।
ईडी ने पिछले साल माल्या के खिलाफ 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक – किंगफिशर एयरलाइंस ऋण धोखाधड़ी मामले में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था। नया आरोपपत्र बैंकों के समूह की ओर से भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दर्ज की गयी शिकायत पर आधारित है। भारतीय स्टेट बैंक ने माल्या एवं अन्य के खिलाफ 2005-06 में लिये गये ऋण को नहीं चुकाकर बैंकों को 6,027 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने की शिकायत की थी।
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