प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनावों के लिए जनता से राजग को फिर से ”आशीर्वाद” देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने वे चीजें मुमकिन कर दी, जो पहले नामुमकिन थी। वहीं, विपक्षी दलों ने मतदाताओं से राजग (NDA ) सरकार को उखाड़ फेंकने की अपील की, जिसने ऐतिहासिक जनादेश को ”बर्बाद” कर दिया और ”जो सिर्फ बातें करती है काम नहीं करती।” चुनाव आयोग द्वारा 11 अप्रैल से सात चरणों में आम चुनावों की घोषणा करने के साथ ही राजनीतिक दलों ने इसका स्वागत किया।
भाजपा के लिए लोगों का सहयोग मांगते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पहले कार्यकाल में लोगों के कल्याण के लिए साहसिक फैसले किए हैं और दूसरे कार्यकाल में देश को ”खुशहाल और समृद्ध” बनाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कई कल्याणकारी योजनाओं को उद्धृत करते हुए कहा कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार ने इस कार्यकाल के दौरान प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में ‘‘असाधारण परिणाम’’ हासिल किए हैं।
बहरहाल, कांग्रेस ने सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि इसे ऐतिहासिक जनादेश को ”बर्बाद” करने के लिए जाना जाएगा और इसके सारे वादे ‘‘अधूरे’’ रह गए। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि लोग मोदी सरकार को बदल देंगे जो केवल बातें करती है काम नहीं करती। उन्होंने कहा कि इसके सारे वादे अधूरे रह गए और 23 मई को मतों की गिनती होगी तो यह सरकार हार जाएगी।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने दावा किया कि आगामी चुनाव नये युग की शुरुआत होंगे और इससे पांच वर्षों की ‘‘अराजक, निरंकुश और विध्वंसकारी’’ सरकार का खात्मा होगा और देश ‘‘गंभीरता, सच्चाई और समग्रता’’ की तरफ लौटेगा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार को ‘‘गरीब विरोधी और पूंजीवाद समर्थक’’ करार दिया जिसने शांति को बाधित किया और लोगों के बीच अशांति एवं क्षुब्धता को बढ़ावा दिया।
मोदी ने ट्वीट करके कहा कि पिछले पांच वर्षों में दिखा कि पहले जो असंभव था अब संभव हो गया है। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव विश्वास की भावना और सकारात्मकता का चुनाव है जिसके साथ भारत अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर रहा है।
पीएम ने कहा कि 2014 में लोगों ने संप्रग सरकार को पूरी तरह खारिज कर दिया था क्योंकि ‘‘भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नीति पंगुता’’ के कारण लोगों में भारी गुस्सा था। उन्होंने कहा कि भारत का आत्मविश्वास काफी नीचे चला गया था और लोग चाहते थे कि देश को इस तरह के ‘‘पतन और निराशावाद’’ से छुटकारा मिले।
उन्होंने कहा, ”सबका साथ, सबका विकास से प्रेरित होकर NDA को एक बार फिर आपके आशीर्वाद की जरूरत है। हम पिछले पांच वर्षों में मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जो पिछले 70 वर्षों से अधूरे थे। अब समय आ गया है कि इसको और मजबूत करें और मजबूत, समृद्ध तथा सुरक्षित भारत का निर्माण करें।”
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि चुनावों की घोषणा से मोदी सरकार द्वारा आधिकारिक संसाधनों के अनुचित प्रयोग से छुटकारा मिलेगा क्योंकि चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। भाजपा के सहयोगी और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने विश्वास जताया कि राजग को 543 में से 350 सीटों पर जीत हासिल होगी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने NDA के हार का अनुमान जताते हुए कहा कि चुनावों की घोषणा लोगों और देश के हित में ”बड़ा बदलाव” है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ”हम उम्मीद करते हैं कि नतीजे NDA के पक्ष में होंगे…महाराष्ट्र में हमारे गठबंधन के बाद एनडीए मजबूत हुआ है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अन्य राज्यों में गठबंधन कर रहे हैं और इसका स्वागत किया जाना चाहिए।” राउत ने कहा, ‘‘मोदी राजग का नेतृत्व करेंगे। हमारा यह भी मानना है कि विपक्ष मजबूत होना चाहिए और उसे इसी हिसाब से काम करना चाहिए।”