नई दिल्ली: दिल्ली सहित पूरे एनसीआर पर प्रदूषण की काली छाया पड़ने लगी है। पिछले साल भी एनसीआर में प्रदूषण का मामला सुर्खियों में रहा था। इस साल भी कुछ ऐसे ही हालात पैदा हो रहे हैं। लिहाजा प्रदूषण की रोकथाम के लिए कवायदे भी शुरू हो चुकीं हैं। प्रदूषण को रोकने की दिशा में नगर निगमों ने सख्त कदम उठाना शुरू किया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने प्रगति मैदान स्थित परियोजना स्थल पर सभी तरह के निर्माण एवं तोड़-फोड़ की गतिविधियों को “तत्काल रोकने” को कहा है।
इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू
हवा के प्रदूषण से निपटने के लिए इमरजेंसी एक्शन प्लान लागू किया जा रहा है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने कहा कि हवा के प्रदूषण को रोकने के लिए सोमवार से इमरजेंसी प्लान लागू किया जाएगा।
बता दें कि हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने का संकेत मिलने के बीच कई कदम उठाए जाने की योजना है। आपात योजना यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत शहर में वायु गुणवत्ता के आधार पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
बिगड़ गई दिल्ली की आबो-हवा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एअर क्वालिटी खराब होने पर कचरा फेंकने वाले स्थानों पर कचरा जलाना रोक दिया जाएगा। ईंट, भट्ठी और उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के सभी नियमनों को लागू किया जाएगा। हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ होने पर डीजल से चलने वाली जेनरेटर मशीनों का इस्तेमाल रोक दिया जाएगा। इसके साथ ही ऐसी सड़कों की पहचान करके जहां ज्यादा धूल उड़ती है उन पर पानी का छिड़काव भी किया जाएगा। इसके अलावा अगर हवा की गुणवत्ता ‘बहुत बहुत खराब से आपात’ श्रेणी में होती है तो कुछ और अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली में ट्रकों (आवाश्यक सामानों को ढोने वाले ट्रकों को छोड़कर) का प्रवेश रोका जाएगा. सोमवार से हवा की गुणवत्ता के आधार पर ही विभिन्न कदम उठाए जाएंगे।
CPCB की 41 टीमें तैनात
फिलहाल, हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में है लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में यह बहुत खराब श्रेणी में जा सकती है। प्रदूषण रोकने के नियमों पर नजर रखने के लिए दिल्ली-एनसीआर में 41 टीमों को भी तैनात किया गया है। इमरजेंसी एक्शन प्लान के तहत दिल्ली-एनसीआर में हवा बेहद दूषित होने पर अन्य मौसम संबंधी चेतावनियों की तरह वायु प्रदूषण की आपात स्थिति की चेतावनी जारी की जाएगी।
एसडीएमसी ने उठाए कई कदम
एसडीएमसी ने कहा कि शहर में लगातार गिर रही वायु गुणवत्ता को देखते हुए उसने पिछले एक हफ्ते में कई कदम उठाए हैं। नगर निकाय ने एक बयान में कहा, “एसडीएमसी ने खुले इलाकों में पानी के छिड़काव के लिए रविवार को 22 अतिरिक्त पानी की टंकियों से काम लिया जिसके साथ ही ऐसे टैंकरों की संख्या 62 पहुंच गई है। एनबीसीसी द्वारा एसडीएमसी की ओर से एनजीटी के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने का आग्रह नजरअंदाज करने के बाद उससे प्रगति मैदान में सभी निर्माण एवं तोड़-फोड़ के कार्य तत्काल रोकने को कहा गया है।” एनबीसीसी प्रगति मैदान में विश्व स्तरीय सम्मेलन सह प्रदर्शनी केंद्र का निर्माण कर रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आठ अक्टूबर को केन्द्र के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) को अधिसूचित करने की प्रस्तावना पर आयी एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के बाद संज्ञान लेते हुए केन्द्र और राज्य सरकारों को मिलकर तय समय-सीमा के भीतर योजना बनाकर पूरे देश में वायु प्रदूषण को राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक के अंदर लाने के लिये कहा है। ग्रीनपीस इंडिया उम्मीद करती है कि एनजीटी के इस आदेश के बाद जल्द ही एनसीएपी को अधिसूचित किया जाएगा। ग्रीनपीस इंडिया के सीनियर कैंपेनर सुनील दहिया कहते हैं, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अदालत को योजना बनाने से लेकर उसे लागू करने तक हर कदम पर हस्तक्षेप करके यह सुनिश्चित करना पड़ रहा है कि लोगों के हितों की रक्षा हो। क्या यह सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि वह कोर्ट के हस्तक्षेप के बिना नीतियों को लागू करे?”
अब केन्द्र सरकार को एनसीएपी में सारे राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों द्वारा तैयार कार्ययोजना को मिलाकर उसे लागू करना होगा। इसके लिये पर्याप्त बजट भी आंवटित करना होगा। ग्रीनपीस इंडिया उम्मीद करती है कि एनजीटी के हस्तक्षेप के बाद जल्द ही केन्द्र सरकार इस कार्यक्रम को लागू करने की दिशा में पहल करेगी और देशभर में वायु प्रदूषण की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर उतपन्न खतरा कम होगा।