लखनऊ पासपोर्ट ऑफिस के एक कर्मचारी ने एक हिन्दू-मुस्लिम कपल का पासपोर्ट बनाने से ये कहकर खारिज कर दिया कि उनका धर्म अलग-अलग है। कर्मचारी ने अनस सिद्दीकी और तान्वी सेठ को कहा कि मुस्लिम से शादी होने के बाद उनका नाम बदलना ज़रूरी है। इसके बिना पासपोर्ट नहीं बन सकता है।
वहीं, अनस से उसने कहा कि हिंदू लड़की से शादी करने पर उन्हें भी अपना धर्म बदलना चाहिए। हालांकि अब लखनऊ के रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर ने कर्मचारी की ग़लती मानी है और कहा है कि वो उन्हें फौरन पासपोर्ट जारी करेंगे। साथ ही शिकायत करने के एक दिन बाद पासपोर्ट अधिकारी का तबादला कर दिया गया है।
विदेश मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट
इस मामले में विदेश मंत्रालय ने लखनऊ पासपोर्ट ऑफिस से दंपति के कथित उत्पीड़न की रिपोर्ट मांगी है। विदेश मंत्रालय की तरफ से तान्वी सेठ को किए गए ट्वीट में कहा गया है कि असुविधा के लिए खेद है। हमने लखनऊ पासपोर्ट ऑफिस से रिपोर्ट मांगी है और उचित कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि दंपति ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट और ईमेल करके शिकायत की थी। कपल ने कहा कि पासपोर्ट ऑफिसर ने उन्हें अपमानित और शर्मिंदा किया।
मोहम्मद अनस सिद्दीकी और उनकी पत्नी तन्वी सेठ ने 2007 में शादी की थी और उनकी एक सात साल की बेटी है। पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए लखनऊ के ऑफिस में बुलाया गया। जब वह वहां पहुंचे तो उनका केस देखने वाले अधिकारी ने उनको शर्मिंदा किया और उनसे पूछा कि क्या वह पासपोर्ट के लिए अपना धर्म बदल सकते हैं।
अनस और तन्वी का कहना है पूरे ऑफ़िस में किसी ने उनकी मदद नहीं की। बाद में दोनों ने ट्वीट कर पीएमओ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इस बात की शिकायत की। अब विवाद के बाद पासपोर्ट ऑफिस ने तन्वी को पासपोर्ट दे दिया है। पासपोर्ट ऑफिसर ने कहा कि पासपोर्ट और धर्म का कोई वास्ता नहीं है। जो कुछ भी हुआ हम इसके लिए माफी मांगते हैं।
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