पिछले साल मई-जून महीने में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद काफी गंभीर हो गया था, जो अभी भी पूरी तरह से सुलझा नहीं है। तो वहीं, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 260 कर्मियों को पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना ‘पीएलए’ के साथ हुए सैन्य गतिरोध के दौरान उत्कर्ष सेवाएं देने के लिए रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री के ‘विशेष अभियान मेडल’ से सम्मानित किया गया। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर विभिन्न राज्यों की पुलिस और केंद्रीय बलों के कुल 397 कर्मियों को यह पुरस्कार देने की जानकारी दी।
“अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण” करने का सम्मान
आईटीबीपी के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह पुरस्कार बल के जवानों को मई, 2020 और इस साल फरवरी में पूर्वी लद्दाख में उनके द्वारा दिखाए गए “अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण” के लिए दिया गया। आईटीबीपी के 260 जवानों को सम्म्मानित किया गया है, जो किसी भी पुलिस बल को एक बार में मिलने वाला सर्वाधिक पुरस्कार है।
1962 में चीन की आक्रामकता के बाद आईटीबीपी का गठन
पुरस्कार पाने वालों में लेह स्थित आईटीबीपी के उत्तर-पश्चिम फ्रंटियर के पूर्व कमांडर महानिरीक्षक दीपम सेठ भी शामिल हैं। करीब 90,000 कर्मियों वाले बल ‘आईटीबीपी’ का गठन 1962 में चीन की आक्रामकता के मद्देनजर हुआ था। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यत: इसी बल की है। एलएसी पर बल की कुछ चौकियां 18,800 फुट की ऊंचाई पर हैं।