कन्याकुमारी से कश्मीर तक चल रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के 29वें दिन गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी भी राहुल गांधी और भारत यात्रियों के साथ इसमें शामिल हुईं। काफी समय से अस्वस्थता की वजह से वह इलाज के लिए देश से बाहर थीं। लौटने पर गुरुवार को वह कर्नाटक के मांड्या जिले में जब यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचीं तो राहुल गांधी ने कंधे पर हाथ रखकर मां का स्वागत किया। इस दौरान उनके 15 मिनट तक करीब एक किमी चल लेने के बाद उनके स्वास्थ्य को देखते हुए राहुल गांधी ने उन्हें आराम करने के लिए भेज दिया, लेकिन वे कुछ देर बाद फिर लौट आईं और यात्रा में साथ चलने लगीं।
राहुल गांधी के साथ चल रहे एक ‘भारत यात्री’ ने पीटीआई को बताया, ‘‘राहुल गांधी ने सोनिया जी को इसलिए रोका क्योंकि उनकी सेहत पिछले कुछ महीनों से खराब रही है। वह एक पुत्र की हैसियत से अपनी मां से ज्यादा दूर तक पदयात्रा नहीं करने के लिए कह रहे थे।’’ राहुल गांधी और कांग्रेस के कई अन्य नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने गत सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत की थी। इन दिनों यह यात्रा कर्नाटक में है।
सोनिया गांधी के साथ फोटो शेयर करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, “चुनौतियों की हदें तोड़ेंगे…”राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर मां के साथ अपनी फोटो शेयर कर लिखा, “हम पहले भी तूफानों से कश्ती निकाल कर लाए हैं, हम आज भी हर चुनौतियों की हदें तोड़ेंगे, मिलकर भारत जोड़ेंगे।”
सोनिया और राहुल गांधी के साथ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला और कई अन्य नेता भी इस यात्रा में शामिल हुए। पदयात्रा के रास्ते में दोनों तरफ बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। राहुल गांधी ने जगह-जगह लोगों से मुलाकात की।
सोनिया का कर्नाटक विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले मांड्या में पदयात्रा करना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि यह देवगौड़ा परिवार के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। कांग्रेस के संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने कहा, “यह ऐतिहासिक क्षण है कि सोनिया गांधी जी इस यात्रा में शामिल हुई हैं। इससे पार्टी कर्नाटक में और मजबूत होगी।”
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “सोनिया गांधी जी के इस यात्रा में शामिल होने से आज लोगों का उत्साह और बढ़ गया है। कर्नाटक में जनता की बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।” यात्रा लगातार चलती रहेगी और इसका समापन अगले साल की शुरुआत में कश्मीर में होगा। इस दौरान कुल 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी।