केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला का दावा है कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों का लोकसभा चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार बनायेगी।
कमल संदेश पदयात्रा के समापन में हिस्सा लेने पहुंचे श्री शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हिंदी भाषी तीन राज्यों में कांग्रेस भले ही सत्ता में आ गयी हो लेकिन श्री राहुल गांधी कई दिनों तक मुख्यमंत्री ही तय नहीं कर पा रहे थे। इस दौरान कांग्रेस पार्टी दो धड़ में बटी नजर आयी। जनता कांग्रेस के क्रियाकलापों से अच्छी तरह से वाकिफ है वह 2019 में उन्हें मौका देने वाली नहीं है। इससे साफ है कि आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर भाजपा की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि तीन राज्यों में हार का दोषी भाजपा किसी को नहीं मानती हैं। इन चुनावी नतीजों का लोकसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़गा। राज्य के चुनाव स्थानीय परिस्थितियों पर होते हैं और लोकसभा चुनाव देश की परिस्थितियों पर होते हैं। देश की परिस्थितियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के पक्ष में है। देश की सवा सौ करोड़ से अधिक जनता दोबारा नरेंद, मोदी को प्रधानमंत्री बनना देखना चाहती है।
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इसकी वजह यह है कि केंद सरकार की एक नहीं अनगिनत उपलब्धियां हैं। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स चोरी करने वालों, कालाधन रखने वालों और घोटालेबाजों पर चौतरफा नकेल कस रखी है जिसको देश की जनता देख रही है।
भाजपा नेता ने कहा कि हार के पीछे परिस्थितियां की समीक्षा की जायेगी जिससे 2019 के लोकसभा चुनाव को पूरी तैयारी के साथ लड़ जा सके। उन्होने दावा किया कि 2019 लोकसभा चुनाव भाजपा ही जीतेगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा की देश की जनता का विश्वास प्राप्त करने के लिए कमल सन्देश पद यात्रा निकाली जा रही थी जिसका फीडबैक पार्टी के पक्ष में पूरी तरह से आ रहा है।
राम मंदिर पर बड़ बयान देते हुए शिव प्रताप ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के चुनावी मुद्दे में कभी भी राम मंदिर नहीं रहा है। यह हमारी आस्था का विषय रहा है, आगे भी रहेगा और अयोध्या में मंदिर बनकर ही रहेगा। बीते गुरुवार को कमल सन्देश पद यात्रा में कानपुर में भाजपा के दो गुटों में आपसी मारपीट पर शिव प्रताप में सफाई देते हुए कहा कि कुछ आपसी लोग लड़ गए होंगे। भारतीय जनता पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है।
श्री शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी ने विधानसभा चुनावों में राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया था। जिससे जनता कुछ भ्रमित हो गयी और उसका उन्हें फायदा भी मिल गया। उन्होंने कहा कि सियासी फायदे के लिए सरकार को बदनाम करने की कोशिश की गई जो लोकतांत्रिक देश भारत के लिए ठीक बात नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष ने जनता को गुमराह किया और दुनिया में भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की लेकिन देश की सर्वोच्च अदालत ने केन्द सरकार को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राफेल पर देश से माफी मांगनी चाहिए।
कानपुर रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल के इस्तीफे के संबंध में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि श्री पटेल ने केंद, सरकार के दबाव में इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है और संवाददाता सम्मेलन कर भी उन्होंने यह जानकारी देश को दी है लेकिन दुर्भाज्ञ है कि विपक्ष ने इस पर भी राजनीति शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि केंद, सरकार पर सवाल उठाने के पहले विपक्ष को विषयों की हकीकत जाननी चाहिए फिर आरोप लगाने चाहिए।
श्री शुक्ला ने कहा कि तीन राज्यों में पार्टी की हार को प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिये। राष्ट्रीय स्तर पर आज भी प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी देश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। जब आगामी लोकसभा चुनाव होगा तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता सबको पता चल जाएगी। एक भी मुद्दों और राष्ट्रीय नीतियों के मामले में देश का कोई भी नेता उनके सामने नहीं टिक पाएगा।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा एक-एक ज्ञारह वाले बयान पर कहा कि जनता ने उन्हे पहले की तरह एक कर दिया है। एक-एक ज्ञारह होने का उनका सपना कभी नहीं साकार होगा और सपा-बसपा का गठबंधन नहीं हो पाएगा। उन्होने कहा कि यह लोग चुनाव के पहले ही चिल्लाते हैं और जब चुनाव नजदीक आ जाएगा तो सीटों को लेकर अलग-अलग हो जाएंगे। अगर हो भी गयें तो जनता का रूझान बता रहा है कि इनका गठबंधन कामयाब नहीं हो पाएगा।