स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि आयुष्मान भारत योजना में दिल्ली, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों से बार बार आग्रह किए जाने के बावजूद वे इस योजना में शामिल नहीं हो रहे है और इसी वजह से इन राज्यों के लोगों को इस योजना का फायदा नहीं मिल रहा है।
डॉ हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नकाल में एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को केंद, की तरफ से बार बार पत्र लिखा गया है और फोन पर भी बात की गयी है लेकिन वे इस योजना में शामिल होने को लेकर कोई रूचि नहीं दिखा रहे है। संघीय शासन प्रणाली होने के कारण इन राज्यों के साथ जबर्दस्ती नहीं की जा सकती लेकिन इस मसले पर हो रही राजनीति से वहां के गरीबों का लाभ नहीं मिल रहा है।
उन्होने जानकारी दी कि 2011 में सामाजिक आर्थिक तौर पर कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने बीपीएल परिवारों के करीब 55 करोड़ लोगों को इस योजना के लिए चिन्हित किया गया है और इससे काफी लोगों को फायदा हो रहा है। पिछले एक वर्ष में 82 लाख लोगों ने इस योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द, मोदी की पहल पर शुरू की गई इस योजना को संयुक्त राष्ट्र में भी सराहा गया है और यह देश की गरीब जनता तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की एक महत्वाकांक्षी पहल है। अभी तक 12 करोड़ लोगों को आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड जारी किए जा चुके हैं और शेष 43 करोड़ लोगों को ये जारी किए जाएंगे और इस दिशा में काफी तेजी से काम चल रहा है।
डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि बताया कि लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए सरकार की 2022 तक डेढ़ लाख हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर बनाने की योजना है और इस वर्ष 31 मार्च तक यह आंकड़ 40 हजार तक हो जाएगा।