यूक्रेन में रूस के हमले के बाद हालात काफी भयावह बने हुए है, ऐसे में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने का कार्य प्रगति पर है और वे स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रोमानिया से 219 भारतीयों के साथ मुंबई के लिए पहली उड़ान रवाना हो चुकी है।
जयशंकर ने ट्वीट कर कहा – हमारी टीम 24 घंटे जमीन पर काम कर रही है
जयशंकर ने ट्वीट किया कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने का कार्य प्रगति पर है तथा हमारी टीम 24 घंटे जमीन पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं व्यक्तिगत रूप से इसकी निगरानी कर रहा हूं। 219 भारतीयों के साथ मुंबई के लिए पहली उड़ान रोमानिया से रवाना हो चुकी है। जयशंकर ने ट्वीट कर सहयोग देने के लिये रोमानिया के विदेश मंत्री का आभार व्यक्त किया। इस पर रोमानिया के विदेश मंत्री बोगदान एउरेस्कू ने ट्वीट कर कहा कि ‘‘सहयोगी और मित्र इसलिये होते हैं..रोमानिया।’’
Regarding evacuation of Indian nationals from Ukraine, we are making progress.Our teams are working on the ground round the clock. I am personally monitoring.The first flight to Mumbai with 219 Indian nationals has taken off from Romania. pic.twitter.com/8BSwefW0Q1— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 26, 2022
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह हुआ तय
वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल की शनिवार को बैठक हुई जिसमें समझा जाता है कि मंत्रिमंडल सदस्यों को यूक्रेन की स्थिति तथा युद्धग्रस्त देश से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के प्रयासों की जानकारी दी गई। इस बीच, रूसी सेना के यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य अहम शहरों की ओर बढ़ने के बीच यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को वहां फंसे अपने नागरिकों से हर वक्त अत्यधिक सावधानी बरतने और देश से बाहर निकलने के लिए उसके अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न बढ़ने को कहा है।
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हम एक बार फिर आपको याद दिला दें कि हर समय अत्यधिक सावधानी बरते
दूतावास ने अपने परामर्श में खास तौर से यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में रह रहे नागरिकों को अपने मौजूदा निवास स्थान पर रहने और जितना संभव हो घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा, ‘‘अभी पूर्वी सेक्टर में रह रहे सभी लोगों से अगले आदेश तक अपने निवास स्थान पर ही शांतिपूर्वक रहने तथा जो भी भोजन, पानी और सुविधाएं उपलब्ध हो उनके साथ ही घरों या आश्रय स्थलों के भीतर रहने व धैर्य रखने का अनुरोध किया जाता है।’’ उसने कहा, ‘‘अनावश्यक गतिविधि से बचें। हम एक बार फिर आपको याद दिला दें कि हर समय अत्यधिक सावधानी बरतें, अपने आसपास और हाल के घटनाक्रम को लेकर सतर्क रहें।’’
यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय रहते हैं
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बृहस्पतिवार को कहा था कि यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय रहते हैं और उनमें से करीब 4,000 पिछले कुछ दिनों में भारत लौटे हैं। ऐसे में समझा जाता है कि छात्रों सहित अभी भी वहां करीब 16 हजार भारतीय हैं। भारतीय दूतावास ने कहा, ‘‘यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों को सीमा चौकियों (स्थापित हेल्पलाइन नंबर) और कीव में भारत के दूतावास के आपात नंबरों पर भारत सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय के बिना किसी भी सीमा चौकी की ओर न जाने की सलाह दी जाती है।’’
यूक्रेन में फंसे भारतीयों में काफी छात्र शामिल हैं
दूतावास ने कहा कि पश्चिमी यूक्रेन के शहरों में रह रहे लोग अपेक्षाकृत ‘‘सुरक्षित’’ माहौल में हैं और उनके पास बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं। वहीं, नयी दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों से शनिवार को विदेश मंत्रालय तथा भारतीय दूतावास द्वारा जारी सभी दिशा निर्देशों का पालन करने की अपील की। उसने छात्रों को आश्वस्त भी किया कि सरकार उन्हें यूक्रेन से वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
समझा जाता है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों में काफी छात्र शामिल हैं। कई छात्र खारकीव और कीव में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे हैं। समझा जाता है कि इनमें से करीब 2,500 छात्र गुजरात के और 2,320 केरल के हैं। भारत ने मुश्किल जमीनी हालात के बावजूद शुक्रवार को पश्चिमी यूक्रेन में लीव तथा चेर्निवत्सी शहरों में शिविर कार्यालय स्थापित किए ताकि भारतीयों को हंगरी, रोमानिया और पोलैंड ले जाया जा सके।
यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ये है सबसे बड़ी चुनौति
भारत ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों का निकालने के लिए पश्चिमी शहर क्राकोविक के साथ ही हंगरी में जहोनी सीमा चौकी, पोलैंड में शेयनी-मेदिका सीमा चौकियों, स्लोवाक गणराज्य में विसने नेमेके तथा रोमानिया में सुकीवा पारगमन चौकी पर अधिकारियों का दल तैनात किया।
समझा जाता है कि रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया में भारतीयों को प्रवेश कराने के लिए वीजा का बंदोबस्त करना इन देशों में भारतीय अधिकारियों के लिए एक चुनौती है। इन चारों देशों में भारतीयों के प्रवेश के लिए कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र की आवश्यकता भी एक और समस्या है। इससे पहले, शूक्रवार को भारतीय दूतावास ने भारतीयों को अपना पासपोर्ट, अन्य आवश्यक वस्तुएं और कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा जांच चौकियों पर अपने पास रखने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा था, ‘‘भारतीय ध्वज का (कागज पर) प्रिंट निकाल लें और यात्रा के दौरान वाहनों तथा बसों पर उन्हें चिपका दें।’’