भारत सरकार ने बाढ़ग्रस्त केरल के लिए यूएई की ओर से पेश की गई 10 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता लेने से इंकार कर दिया है। सरकार का कहना है कि इस आपदा के लिए विदेशी से मिल रही किसी भी वित्तीय मदद को भारत स्वीकार नहीं करेगा। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए केवल घरेलू प्रयासों पर निर्भर रहने के फैसले पर विचार किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि अबू धाबी के वलीहद शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और सहायता की पेशकश दी।
संयुक्त अरब अमीरात में कुल भारतीयों के 80 फीसदी केरल के हैं। मालदीव की सरकार ने भी केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 35 लाख रुपये दान देने का फैसला किया है। गौरतलब है की मंगलवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा था कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बाढ़ प्रभावित राज्य केरल के पुनर्निर्माण के लिए 10 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता की प्रतिबद्धता जताई है।
विजयन ने मीडिया को बताया कि यूएई (जहां हजारों की संख्या में केरल के लोग रहते हैं) ने प्रधानमंत्री मोदी को सूचित किया है कि वह केरल को 10 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद देगा। उन्होंने कहा, एक नया केरल बनाया जाना जरूरी है।