यूक्रेन और रूस के बीच जारी महायुद्ध में भारत अपने गुटनिरपेक्ष रुख पर बना हुआ है, वहीं यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के माता-पिता की चिंता और बढ़ाने के लिए बच्चों के साथ मारपीट का एक वीडियो सामने आया है। भारत में इस वीडियो को लेकर तनाव का माहौल है और सभी राजनीतिक दल केंद्र सरकार से भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द इन हालातों से निकालने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसी कड़ी में आल इंडिया मजलिए ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
असदुद्दीन ओवैसी ने यूक्रेन मुद्दे पर किया केंद्र का घेराव
असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि जब भारत में पीएल गुजराल कि सरकार थी तब उन्होंने इराक में युद्ध शुरू होने से पहले ही भारत के 1 लाख 70 हजार लोगों को सही-सलामत बाहर निकाल लिया था। यहां तो बच्चों कि संख्या कुछ हजारों में है। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि इस मामले में सरकार को जरा गंभीरता से पेश आना चाहिए, यूक्रेन किसी के बेटे और किसी की बेटियां फांसी हुई है जिनके साथ इस तरह का सुलूक किया जा रहा है। इस तरह की मारपीट देखी नहीं जा रही है।
राहुल गांधी ने कही थी यह बात
उन्होंने कहा केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की ये पहली जिम्मेदारी है कि वो यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय बच्चों को वहां से सकुशल बाहर निकाले, हमारा कोई भी छात्र वहां फंसा नहीं रहना चाहिए। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस वीडियो पर सरकार का घेराव किया था, राहुल गांधी ने कहा कि “इस तरह की हिंसा झेल रहे भारतीय छात्रों और इन वीडियो को देखने वाले उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। किसी भी अभिभावक को इससे नहीं गुजरना चाहिए।भारत सरकार को तत्काल इन्हें वहां से निकालने का विस्तृत प्लान फंसे हुए लोगों के साथ-साथ उनके परिवारों के साथ साझा करनी चाहिए। हम अपनों को ऐसे नहीं छोड़ सकते।”