प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के स्थापना दिवस पर रविवार को बल के कर्मियों को बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भी देश को आईटीबीपी की जरूरत पड़ी उन्होंने अदम्य साहस व समर्पण के साथ जवाब दिया। आईटीबीपी की स्थापना चीन के साथ 1962 के युद्ध के बाद की गई थी और इसमें करीब 90,000 जवान हैं।
पीएम मोदी ने आईटीबीपी के 60वें स्थापना दिवस पर एक ट्वीट में कहा,‘‘अरूणाचल प्रदेश के घने जंगलों से लेकर हिमालय की बफीर्ली चोटियों तक हमारे आईटीबीपी के हिमवीरों ने देश के आह्वान पर अदम्य साहस व समर्पण दिखाया है।’’ बल के कर्मियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा,‘‘आपदा के समय बल की ओर से किए गए मानवीय कार्य सराहनीय हैं।’’ आईटीबीपी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की पांच शाखाओं में से एक है।
आईटीबीपी उत्तरी सीमाओं पर निगरानी रखता है और सीमा उल्लंघन को रोकता है। यह अवैध आव्रजन, सीमा पार से तस्करी इत्यादी की निगरानी करता है और देश में शांति बनाए रखने में अहम भूमिका का निर्वाह करता है।
ओम बिरला ने दी ITBP के स्थापना दिवस की बधाई
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी हैं। बिरला ने रविवार को अपने ट्वीट संदेश में कहा, ‘‘शौर्य-दृढ़ता-कर्मनिष्ठा’ की भावना के साथ भारत की सीमाओं की रक्षा में तत्पर सभी जवानों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आईटीबीपी के जवानों का देश के प्रति समर्पण, कर्तव्यपरायणता, साहस, त्याग और राष्ट्रप्रेम हम सभी के लिए प्रेरणा ह्मोत है।’’
आइटीबीपी की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को भारत चीन सीमा की सुरक्षा के लिए की गई थी। यह बल मुख्य रूप से लद्दाख में काराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश में जाचेप ला तक 3,488 किमी। लंबी भारत-चीन सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात है। इसके अलावा बल कई आंतरिक सुरक्षा कर्तव्यों एवं छत्तीसगढ में वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। बल की अधिकांश सीमा चौकियां 9,000 फीट से 18,800 फीट तक की ऊंचाइयों पर स्थित हैं जहां तापमान शून्य से 45 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है।