अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए 45 करोड़ डॉलर की मदद देने की मंजूरी के बाद सफाई पेश की। यूएस ने कहा कि यह सहायता भारत को संदेश देने के लिए नहीं बल्कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान में अमेरिका के सहयोग के लिए पाकिस्तान को दी गई है। अमेरिका के इस बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ऐसे बातें कहकर आप किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं।
अमेरिका की ओर से पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों के लिए सहायता को मंजूरी देने को लेकर पूछे गए सवाल पर जयशंकर कहा, ‘यह वाकई अमेरिका के लिए गौर करने की बात है कि उसे इस संबंध से क्या मिल रहा है। बताया तो जाता है कि मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि ये आतंकवाद-विरोधी सामग्री है। ऐसे में आप F-16 जैसे विमानों की बात करने लगते हैं। लेकिन, हर कोई जानता है और आप भी जानते हैं कि उन्हें कहां तैनात किया गया है। साथ ही उनका किस काम में इस्तेमाल किया जा रहा है। आप ऐसे बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं।’
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दरअसल, 8 सितंबर को बाइडन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के पाकिस्तान को सैन्य सहायता पर रोक लगाने वाले फैसले को बदलते हुए पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों के लिए 45 करोड़ डॉलर की मदद देने की मंजूरी दे दी। भारत ने अमेरिका के इस फैसले पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई तो अमेरिका ने सफाई पेश की।
पाक-यूएस के बीच यह डील उस समय हुई, जब दुनिया में यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है और अमेरिकी समेत कई पश्चिमी देशों ने युद्ध न रोकने की वजह से रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ऐसे में भारत ने बिना किसी परवाह किए रूस से सस्ते दाम पर तेल की डील की और सप्लाई भी शुरू हो गई।
हालांकि इस पर अमेरिका ने जब आपत्ति जताई तो भारत ने कहा कि अपने देशवासियों के हितों में फैसले लेने में भारत पूरी तरह सक्षम है। भारत जो भी फैसला करता है, वह अपने लोगों के हितों को देखते हुए करता है।