केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार एक कार्यक्रम को सबोंधित करते हुए कहा कि म्यूचुअल फंड की तरह ही दूसरे विज्ञापनों को भी महत्वपूर्ण जानकारी भी उसी गति से दी जानी चाहिए जैसी दूसरे विज्ञापनों में दी जाती है।उन्होंने म्यूचुअल फंड विज्ञापनों के समय निवेश को लेकर चेतावनी तेजी से जारी करने पर यह बात कही। गोयल ने आगे कहा कि अगर जरूरत हुई तो वह 37 लाख करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड उद्योग के लिये नियमनों में बदलाव को इच्छुक हैं।
उन्होंने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्यक्रम में कहा, ‘‘विज्ञापन के समय जो उद्घोषणा (चेतावनी) की जाती जाती है, वह काफी तेज होती है। इसे आप आसानी से समझ नहीं सकते कि आखिर क्या कहा जा रहा है। उद्घोषणा उसी गति से होनी चाहिए जैसे कि दूसरे विज्ञापनों में होती है। जिस तेजी से उसे बोला जाता है, उससे उसका मकसद पूरा नहीं होता।’’उन्होंने देश के सबसे बड़े शेयर बाजार से इस संदर्भ में संपत्ति प्रबंधन कंपनियों से बात करने को कहा और नियमन में बदलाव की इच्छा व्यक्त की।
गोयल ने कहा, ‘‘यदि आपको किसी सहायता की आवश्यकता है, तो मुझे उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय या उपभोक्ता संरक्षण कानूनों के तहत उपभोक्ता संरक्षण नियमों के माध्यम से इसकी व्यवस्था करने में खुशी होगी। लेकिन यह जरूरी है कि जब निवेशक एक्सचेंज या किसी (वित्तीय) उत्पाद में आ रहे हों, तो उन्हें उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए।
इससे पहले, उन्होंने शेयर बाजारों से अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) का साझा मंच तैयार करने को कहा, जिसका उपयोग विभिन्न वित्तीय संस्थाएं कर सकें। इससे प्रक्रिया में तेजी सुनिश्चित की जा सकती है।