कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ब्रिटेन और जर्मनी की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान गांधी बुधवार को हेम्बर्ग पहुंचे जहां उन्होंने राज्यमंत्री और सांसद नील्स एन्नेस से मुलाकात की। फिलहाल राहुल गांधी जर्मनी के हैम्बर्ग स्थित बूसेरियस समर स्कूल में छात्रों को संबोधित कर रहे हैं. उनको सुनने के लिए काफी संख्या में छात्र पहुंचे हुए हैं।
अमेरिका के साथ भारत के सामरिक संबंध हैं, और हम उनके साथ लोकतंत्र जैसे कुछ विचार साझा करते हैं। लेकिन चीन बहुत तेजी से बढ़ रहा है। भारत की भूमिका इन दो शक्तियों को संतुलित करने की है
1991 में मेरे पिता को आतंकवादी ने मार डाला था। जब कुछ साल बाद उस आतंकवादी की मृत्यु हो गई, तो मैं खुश नहीं हुआ। मैंने खुद को उसके बच्चों में देखा
मैंने हिंसा को झेला है और मैं आपको बता सकता हूं, कि इससे निकलने का एकमात्र तरीका है – माफ करना। और माफ़ करने के लिए आपको यह समझना होगा कि ये कहां से आ रही है
आपस में जुड़ी दुनिया में आपको सुनना होगा कि दूसरे क्या कह रहे हैं और वे कहां से आ रहे हैं। मैं किसी व्यक्ति से लड़ सकता हूं और उससे असहमत हो सकता हूं। लेकिन, नफरत खतरनाक चीज है
यदि आप लोगों को गले नहीं लगाते और उन्हें कोई दृष्टि नहीं देते, तो कोई और ऐसा करेगा और हो सकता है कि वो विचार आपके लिए अच्छा न हो
Congress President’s hugs are in demand! #WillkommenRahulGandhi pic.twitter.com/Wzpj5FwOz9
— Congress (@INCIndia) August 22, 2018
कुछ साल पहले, प्रधानमंत्री जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी का फैसला किया और एमएसएमई के नकद प्रवाह को बर्बाद कर दिया, अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गये
दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों को अब सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता। उनको फायदा देने वाली सारी योजनाओं का पैसा चंद बड़े कॉर्पोरेट के पास जा रहा है
बड़ी संख्या में छोटे व्यवसायों में काम करने वाले लोगों को वापस अपने गाँव लौटने को मजबूर होना पड़ा। इससे लोग काफी नाराज़ हैं। लिंचिंग के बारे में जो कुछ भी हम सुनते हैं वो इसी का परिणाम है
कुछ साल पहले, प्रधानमंत्री जी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी का फैसला किया और एमएसएमई के नकद प्रवाह को बर्बाद कर दिया, अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गये
दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों को अब सरकार से कोई फायदा नहीं मिलता। उनको फायदा देने वाली सारी योजनाओं का पैसा चंद बड़े कॉर्पोरेट के पास जा रहा है
रोजगार गारंटी योजना, भोजन का अधिकार, सूचना का अधिकार, बैंकों का राष्ट्रीयकरण ये कुछ ऐसे विचार थे जो सभी सरकारें करना चाहती हैं, लेकिन अब ये विचार काफी हद तक नष्ट हो गए हैं
अगर भारत को इस जोखिम भरे बदलाव से गुज़रना पड़ा, तो हम चाहते थे कि सभी समुदायों और भाषाओं को इस बदलाव में शामिल किया जाए
आधुनिकता और शहरीकरण का विचार चीन की तरह ही था। लेकिन भारत में यह तरीका अलग था; यह बुनियादी था
भारत में धीरे-धीरे बदलाव शुरु हुआ। ये बदलाव जाति आधारित सोच को खत्म कर रहा था और ‘एक व्यक्ति, एक मत’ के विचार को बढ़ावा दे रहा था
70 साल पहले भारत एक ग्रामीण देश था, यहां लोग जाति आधारित समाज में रहते थे। ज्यादातर गावं जाति के आधार पर बंटे हुए थे
मैं बुसेरियस समर स्कूल का छात्र था। वो दिन काफी बढ़िया थे और मैंने यहां बहुत कुछ सीखा
मोदी को गले लगाने पर राहुल गांधी ने कहा कि मैंने उनको गले लगाकर नफरत का जवाब प्यार से दिया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में लोगों को नफरत की बजाय चर्चा करनी चाहिए। नफरत फैलाने वाले भाषण और राजनीति करने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय का मतलब ही अहिंसक है।