संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार पांचवें कामकाजी दिन लोकसभा में प्रश्नकाल बाधित रही। राफेल मामले पर राहुल गांधी से माफी की बीजेपी सदस्यों की मांग, कांग्रेस सदस्यों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग तथा अलग-अलग मुद्दों पर अन्नाद्रमुक एवं तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।
प्रश्नकाल शुरू होने के साथ ही कांग्रेस सदस्य राफेल मामले में जेपीसी के गठन की मांग और अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी नदी पर बांध का निर्माण रोकने की मांग करते हुए अध्यक्ष के आसन के पास आ गए। तेदेपा सदस्य भी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए हाथो में तख्तियां लेकर आसन के पास आ गए।
वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम हर विषय पर चर्चा चाहते हैं। हमारी मांग है कि राफेल पर जांच के लिए जेपीसी गठित की जाए। खड़गे ने कहा कि सदन को ठीक ढंग से चलाने के लिए जेपीसी जांच को मंजूरी दी जानी चाहिए, क्योंकि सीएजी की रिपोर्ट से लेकर कीमतों के बारे में सब कुछ साफ होना चाहिए। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री थावर चंद गहलोत के खड़गे के बयान पर कहा कि सरकार हर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन जेपीसी का सवाल तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद की खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सदन चलाना चाहिए, सरकार तैयार है।
सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्य राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की। उन्होंने ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाए। बीजेपी सदस्यों ने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं जिन पर ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ लिखा हुआ था। कांग्रेस सदस्य के हाथों में तख्तियां थी जिन पर ‘वी डिमांड जेपीसी’ लिखा हुआ था।
शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी अपने स्थान पर खड़े होकर कुछ कहते हुए नजर आए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की बैठक चलने देने का आग्रह किया। हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।