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उत्पादन के बाद खाद्यान्नों का रखरखाव निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र के लिए एक चुनौती : कृषि मंत्री तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि उत्पादन के बाद खाद्यान्नों का रखरखाव निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र के लिए एक चुनौती है और सरकार ने ई-नाम और अन्य सुविधाओं की स्थापना के जरिये आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से इस मसले के हल को कई कदम उठाए हैं।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि उत्पादन के बाद खाद्यान्नों का रखरखाव निश्चित रूप से कृषि क्षेत्र के लिए एक चुनौती है और सरकार ने ई-नाम और अन्य सुविधाओं की स्थापना के जरिये आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से इस मसले के हल को कई कदम उठाए हैं।
तोमर ने कहा कि उत्पादन के बाद की चुनौतियों से निपटने के लिए, सरकार ने अबतक लगभग 1,000 विनियमित थोक मंडियों को इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जोड़ा है, कृषि-बुनियादी ढांचा कोष के तहत 13,000 परियोजनाओं के लिए 9,500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं तथा ड्रोन जैसी तकनीकों को बढ़ावा देने के अलावा किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) की स्थापना को प्रोत्साहित किया है।
कृषि बाजार को दुरुस्त करना
तोमर ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और इक्रियर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘कृषि बाजार को दुरुस्त करना’ विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उत्पादन नहीं, लेकिन उत्पादन बाद खाद्यान्नों का रखरखाव निश्चित रूप से आज एक समस्या है।’’
तोमर ने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व में समय-समय पर उत्पादन बाद खाद्यान्नों के रखरखाव के मुद्दों को हल करने के प्रयास किए गए थे लेकिन वांछित परिणाम प्राप्त नहीं किए जा सके। उन्होंने कहा कि हालांकि, पिछले आठ वर्षों में, उत्पादन के बाद खाद्यान्नों के रखरखाव के मुद्दों को ठीक करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं ताकि किसानों को बेहतर मूल्य मिले और उनकी आय में सुधार हो।
कृषि पीठ के प्रोफेसर अशोक गुलाटी भी उपस्थित
उन्होंने यह भी कहा कि जैविक उत्पादों का भी अच्छा बाजार है क्योंकि उनके निर्यात में वृद्धि हुई है। लेकिन किसानों को बेहतर दाम पाने के लिए गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। इस अवसर पर इक्रियर के चेयरमैन प्रमोद भसीन, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और सीईओ विक्रम लिमये और इक्रियर में इन्फोसिस की कृषि पीठ के प्रोफेसर अशोक गुलाटी भी उपस्थित थे।

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