MDH के संस्थापक धर्मपाल सिंह का 2020 में निधन हो गया था । यह वही मसाले के राजा धर्मपाल सिंह है जिन्होने खाने के स्वाद को और चार चांद लगा दिया था। धर्मपाल लाहौर के रहने वाले थे इन्होने कठिन परिश्रम करके इन मसालों को विदेश तक पहुंचा दिया था। लेकिन हांल ही एक खबर सामने आई है कि MDH के राजा धर्मपाल की कंपनी MDH लिमिटेड के बेचने की बात चल रही हैं। जो कि एक आश्चर्यजनक किस्सा हैं। इस कंपनी को एफएमसीजी सेक्टर (FMCG Sector) की कंपनी Hindustan Unilever के पास बेचने की बात चल रही हैं। यह सब जानकारी सूत्रों से पता चली हैं.।
MDH के चेयरमैन राजीव गुलाटी ने कहा
MDH ने ट्विटर पर ऐसी खबरों को अर्तक बताया है उसके मुताबिक ऐसी खबरों में कोई दम नहीं है। निवेशकों को अफवाह पर गौर नहीं करना चाहिए। MDH के चेयरमैन राजीव गुलाटी ने कहा कि एमडीएच प्राइवेट लिमिटेड एक विरासत है, जिसे महाशय चिमी लाल जी और महाशय धर्मपाल जी ने अपने पूरे जीवन में आगे बढ़ाया और हम उस विरासत को पूरे दिल से आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
MDH मसाले की रूपरेखा
जानकारी के मुताबिक पता चला है कि MDH भारत में हर घर की पसंद हैं। इनके मसाले का स्वाद काबिले तारीफ हैं। लेकिन एफएमसीजी कंपनी एचयूएल लोकप्रिय घरेलू ब्रांडों जैसे – लक्स, लाइफबॉय, सर्फ एक्सेल, रिन, व्हील, पॉन्ड्स को बाजार में बेचती है। उसने भी इस खबर पर टिप्पणी से इनकार किया है। उसके प्रवक्ता ने कहा कि इस अफवाह पर हम कुछ नहीं कहेंगे।
MDH ने विदेशों पर भी कब्जा किया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, FMCG के दूसरे बड़े ब्रांडों-ITC और टाटा कंज्यूमर मसाले के कारोबार में अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं। इस बिजनेस में मार्जिन काफी अच्छा है। 2020 में ITC ने सनराइज फूड्स का अधिग्रहण किया था, जो पूर्वी भारत में मसाला बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी है। यह सौदा 2,150 करोड़ रुपये में हुआ था।
धर्मपाल का अचानक निधन हुआ था
मसालों के सरताज धर्मपाल गुलाटी का दिसंबर 2020 में निधन हो गया था। वह बंटवारे के बाद पाकिस्तान के सियालकोट से पारिवारिक कारोबार को भारत लाए थे। और वह उस समय यह सोच रहे थे कि इस मसालों के व्यापार को तेजी से कैसे बढ़ाया जा सकें । हालांकि धर्मपाल जी ने अपने व्यापार को एक करोड़ से भी ज्यादा में बदल कर दिखाया दिया और भारत के किचन में अपना कब्जा कर लिया ।
हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि एचयूएल की एमडीएच में बहुलांश हिस्सेदारी की खरीद के लिए बातचीत चल रही है। इस सौदे का मूल्य 10,000 करोड़ रुपये से लेकर 15,000 करोड़ रुपये के बीच रहने की संभावना भी जताई गई थी।एफएमसीजी क्षेत्र की अन्य बड़ी कंपनियों आईटीसी और टाटा कंज्यूमर्स लिमिटेड ने पिछले कुछ समय में मसाला कारोबार में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। आईटीसी ने वर्ष 2020 में सनराइज फूड्स का 2,150 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था।