म्यांमार में सरकार का तख्तापलट होने के बाद काफी खूनी संघर्ष का दौर जारी है। ऐसे में कुछ समय के बाद शांति रहने के बाद म्यांमार की सेना और वहां के नागरिकों के बीच एक बार फिर बड़ा संघर्ष सामने हुआ है, जिसने काफी नागरिकों को विस्थापन करने के लिए मजबूर कर दिया है। म्यांमार में सेना के साथ बढ़ते संघर्ष के बीच देश के सैकड़ों नागरिक सीमा से सटे भारतीय राज्य मिजोरम के दो जिलों में आ गए हैं। मिजोरम सरकार ने इसकी जानकारी दी है।
मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने कहा कि फिलहाल सटीक आंकड़े नहीं पता कि आखिर कितने म्यांमारी राज्य में प्रवेश कर चुके हैं। गृह मंत्री ने कहा, ‘बीते कुछ दिनों में म्यांमार के सैकड़ों नागरिक मिजोरम में घुसे हैं। लेकिन मुझे सटीक संख्या नहीं पता क्योंकि फिलहाल मैं क्वॉरंटीन में हूं।’ खबरों के मुताबिक, मिजोरम से सटे म्यांमार के इलाकों में सशस्त्र नागरिकों और सेना के बीच भीषण संघर्ष जारी है। अब हिंसा से भागने की कोशिश में म्यांमार के नागरिक मिजोरम में आ रहे हैं।
बता दें कि इस साल मार्च से ही म्यांमार के हजारों नागरिक, खासतौर पर भारत से सटे इलाकों में रहने वाले, मिजोरम में घुस चुके हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा समय में करीब 10 हजार म्यांमारी नागरिक पूर्वोत्तर के राज्य में रह रहे हैं। मिजोरम के चीफ सेक्रटरी लालननमाविया शुआंगो ने कहा, ‘हाल के दिनों में ठीक सीमा से सटे इलाकों में भीषण युद्ध जारी है।
इसकी वजह से भारी संख्या में म्यांमार के नागरिक मिजोरम में घुस रहे हैं। ये लोग राज्य के चंपाई और नहथियाल जिलों में शरण ले रहे हैं। मुझे लगता है कि जैसे ही स्थिति ठीक होगी, वे वापस चले जाएंगे।’ उधर, दूसरी ओर, मिजोरम और म्यांमार के बीच 510 किलोमीटर लंबी सीमा है। मिजोरम में घुसने वाले अधिकांश रिफ्यूजी म्यांमार के चिन राज्य से आते हैं जिसकी सीमा मिजोरम के छह जिलों- चंपाई, नहथियाल, सरचिप, सैतुअल, सियाहा और लॉन्गलाई से लगती है। मिजोरम और चिन के बीच जातीय समानताएं भी हैं।