प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को यानी 27 सितंबर सोमवार को देशवासियों को उनके स्वास्थ्य के लिए एक बड़ तोहफा देने जा रहे हैं। केन्द, सरकार प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (पीएम-डीएचएम) नयी योजना शुरू कर रही है। आपको बता दें डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) का नाम बदलकर प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (पीएम-डीएचएम) कर दिया गया है। अधिकारियों द्वारा मिली जानकारी अनुसार पीएम-डीएचएम डेटा, सूचना और बुनियादी ढांचा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के माध्यम से एक कुशल, सुलभ, समावेशी, किफायती और सुरक्षित तरीके से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इस योजना के तहत हर भारतीय को एक यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी जिससे व्यक्ति के शरीर और स्वास्थ्य से जुड़ हर जानकारी डिजिटल तौर पर मिल जाएगी।अभी यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चंडीगढ़, अंडमान-निकोबार, दादरा-नगर हवेली, लक्षद्वीप और लद्दाख में चल रही है। इससे पहले यह योजना राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के नाम से चल रही थी। इसे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 15 अगस्त 2020 को शुरू किया था।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक हेल्थ आईडी कार्ड में 14 अंकों की यूनिक आईडी मिलेगी। इस आईडी में व्यक्ति का पूरा हेल्थ रिकॉर्ड होगा और यह रिकॉर्ड सेन्ट्रल सर्वर से जुड़ रहेगा। इसका मतलब है कि देश में कहीं भी इलाज के लिए जाने पर कार्ड से डॉक्टर को संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी मिल जाएगी। इससे हर बार नये या फिर से टेस्ट कराने का पैसा और वक्त बचेगा। पीएम-डीएचएम में संबंधित की सहमति के बाद उसका डॉटा इन्क्रिप्शन के साथ सेन्ट्रल नेटवर्क पर स्टोर रहेगा। यह डाटा भी डॉक्टर उसकी इजाजत के बिना नहीं देख सकता। इसके लिए पहले मोबाइल पर ओटीपी आएगा और इस ओटीपी को डालने के बाद ही डॉक्टर उसे देख सकेगा,लेकिन डॉक्टर इसे संपादित या कॉपी नहीं कर सकता।
इस योजना के शुरू होने के बाद कोई भी व्यक्ति मिशन की वेबसाइट पर जाकर हेल्थ आईडी बना सकते हैं। इसके अलावा सरकारी और निजी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राइमरी हेल्थ सेंटर और कॉमन सर्विस सेंटर पर भी कार्ड बनवाए जा सकेंगे।