राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत अक्टूबर के पहले सप्ताह में जम्मू दौरे पर आयेंगे। आरएसएस के सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि भागवत एक से तीन अक्टूबर तक तीन दिवसीय दौरे पर यहां आ सकते हैं। निर्धारित यात्रा के संबंध में कुछ दिनों में आधिकारिक तौर पर घोषणा की जायेगी।
भागवत अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद की स्थिति में आरएसएस के रुख की रूपरेखा तैयार करेंगे और संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा भी करेंगे। पांच अगस्त- 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे (अनुच्छेद-370) को निरस्त किये जाने के बाद भागवत की यह पहली जम्मू यात्रा होगी। सूत्रों ने आगे कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू में बुद्धिजीवियों के साथ बैठक के अलावा आरएसएस के सरसंघचालक भागवत का कार्यक्रम बहुत व्यस्त है।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा दो साल से अधिक के अंतराल के बाद हो रही है। सूत्रों ने कहा कि जम्मू में बुद्धिजीवियों से मिलना ही एकमात्र सार्वजनिक कार्यक्रम है, जिसमें भागवत शामिल होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरएसएस चीफ जम्मू-कश्मीर में काम कर रहे प्रचारकों और आरएसएस से जुड़े संगठनों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगे और जमीनी हालात का जायजा लेंगे। बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र ने आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया गया और राज्य को दो क्षेत्रों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया।