एनएचआरसी ( राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने गुरुवार को चिंता जताई कि राज्य व केंद्रशासित प्रदेश के पुलिस संगठन हर थाने में ‘ऑडियो रिकॉर्डिंग और नाइट विजन वाले सीसीटीवी कैमरे’ लगाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अब भी पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं। आयोग ने एक बयान में कहा कि, वह थानों में सीसीटीवी लगाए जाने के संबंध में चर्चा के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बयान में कहा गया है कि, न्यायमूर्ति मिश्रा ने चिंता जताई कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस संगठन अब भी हर थाने में ऑडियो रिकॉर्डिंग और नाइट विजन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं।
आयोग ने बयान में एनएचआरसी अध्यक्ष के हवाले से कहा है कि पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता कानून व्यवस्था प्रबंधन की पहचान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, यदि जरूरी हुआ तो, आयोग पुलिस अधिकारियों, विशेषज्ञों और अन्य विभिन्न पक्षों की मदद से, उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू किए जाने के संबंध में एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने की संभावना पर विचार करने के लिए तैयार है।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, हमें अपने पुलिस बलों की कार्यप्रणाली के संबंध में किसी भी गलतफहमी की आशंका को खत्म कर उनकी छवि में सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, एनएचआरसी का मकसद पुलिस संगठनों और विभिन्न पक्षों के साथ चर्चा कर पुलिस के साथ ही कानून व्यवस्था की विश्वसनीयता में सुधार लाना है।