देश में कोरोना वायरस का आतंक अभी कम नहीं हुआ है और दूसरी तरफ कोरोना वायरस के नए-नए स्वरुपों ने लोगों को डराकर रखा हुआ है। कोरोना वायरस के बाद डेल्टा वायरस और फिर कप्पा वायरस ने लोगों को भीतर तक भयभीत करके रखा हुआ है। ये नए वायरस अधिक घातक है और इनकी प्रसार क्षमता भी बहुत ज्यादा है। दुनिया में संक्रमण के नए वायरस लैम्बडा ने दस्तक दे दी है।
इस पर भारत सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में अब तक सार्स-सीओवी-2 के लैम्बडा स्वरूप का कोई मामला नहीं सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) स्वरूप पर करीबी नजर रख रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘14 जून को डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा पहचाना गया लैम्बडा वायरस का सातवां संस्करण था और 25 देशों में इसका पता चला है।’’ अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमारे देश में इसका कोई मामला सामने नहीं आया है और आईएनएसएसीओजी इस पर नजर रख रहा है और हम सतर्क हैं। पेरू में, 80 प्रतिशत संक्रमण इसी स्वरूप के थे। यह दक्षिण अमेरिकी देशों और ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में भी मिला है, और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर किसी भी प्रभाव की निगरानी की जाएगी।’’
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा कि लैम्बडा स्वरूप पर ध्यान देने की जरूरत है और इसलिए इसके कुल महत्व का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जहाँ तक हम जानते हैं कि इसने हमारे देश में प्रवेश नहीं किया है, अपने देश में यह नहीं मिला है। हमारी निगरानी प्रणाली आईएनएसएसीओजी बहुत प्रभावी है और अगर यह स्वरूप देश में प्रवेश करता है तो वह इसका पता लगा लेगा…।’’ पॉल ने कहा, ” हमें इन प्रकार के स्वरूपों को लेकर सतर्क रहना चाहिए।”