नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों के बीच छिड़ी जंग अब भी जारी है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियम मामले पर संसद की स्थाई समिति ने 29 जून को यानी कल बैठक बुलाई है। जिसके लिए फेसबुक और गूगल को समन भेजा गया है। इस बैठक में देश की जनता के अधिकारों की रक्षा और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की रोकथाम पर चर्चा की जाएगी। बता दें कि फेसबुक की ओर से इस बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल होने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे समिति द्वारा ठुकरा दिया गया।
फेसबुक ओर गूगल दोनों ही कंपनियों को 29 जून को शाम 4 बजे पेश होने को कहा गया है। संसदीय समिति के मुताबिक सोशल नेटवर्किंग साइट पर देशवासियों के अधिकारों ओर प्राइवेसी की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। इसके अलावा डिजिटल स्पेस में महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इन्हीं कारणों की वजह से गूगल और फेसबुक को बुलाया गया है, ताकी उनसे विस्तार से चर्चा की जा सके। समन मिलने के बाद फेसबुक अधिकारियों ने कोरोना का हवाला देते हुए वर्चुअल रूप से शामिल होने की मांग की। इस पर पैनल के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि संसद सचिवालय किसी भी वर्चुअल बैठक की अनुमति नहीं देता है।
बता दें कि सरकार और सोशल नेटवर्किंग साइट के बीच लंबे वक्त से विवाद चल रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ने फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइटों के लिए नए आईटी नियम बनाए थे, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इन नए आईटी नियमों को ठीक ढंग से लागू नहीं किया गया है। इसके अलावा हाल ही में ट्विटर ने केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट भी ब्लॉक कर दिया था। ओर इससे पहले ट्विटर ने उपराष्ट्रपति नायडू के अकाउंट से बलौर टिक को हटा दिया था। संसदीय समिति की बैठक में इस मामले में भी ट्विटर से जवाब मांगा जाएगा।