वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी सलाहकार समूह (National Technology Advisory Group) जायडस कैडिला (zydus cadilla) के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके को टीकाकरण अभियान में शामिल करने के लिए खाका तैयार करने के वास्ते शीघ्र ही एक बैठक करेगा।
साथ ही इसमें 12-18 आयुवर्ग के उन किशोरों को प्राथमिकता दी जा जाएगी जो अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। स्वदेश में विकसित विश्व के पहले सूई रहित कोविड रोधी टीके जाइकोव-डी की आपात इस्तेमाल की मंजूरी बीस अगस्त को दी गई थी। इसी के साथ ही यह देश में 12-18 आयुवर्ग के लोगों को लगने वाला पहला टीका बन गया है।
एनटीएजीआई के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि भारत में 12-18 आयुवर्ग के 12 करोड़ किशोर हैं और उनमें से एक प्रतिशत से कम बच्चों को कुछ बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा,‘‘ चल रहे टीकाकरण अभियान में तीन खुराक वाले जाइकोव-डी टीके को शामिल करने के लिए शीघ्र ही एक बैठक की जाएगी और इसका खाका तैयार किया जएगा।
बैठक में प्राथमिकताएं तय की जाएंगी क्योंकि यह टीका किशोर और व्यस्कों दोनों को लग सकता है।’’ डॉ अरोड़ा ने कहा,‘‘ हमारा लक्ष्य एक प्राथमिकता सूची तैयार करना है जिसमें मुख्य ध्यान अन्य बीमारियों से पीड़ित 12-18 आयुवर्ग के लोगों पर दिया जाएगा।’’
गौरतलब है कि इससे पहले देश में पांच टीकों को मंजूरी मिली है। इनमें सीरम इस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन, रूस का स्पूतनिक वी तथा अमेरिका का मॉडर्ना एवं जॉनसन एंड जॉनसन का टीका शामिल है।