बारह सदस्यों का निलंबन रद्द करने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के व्यवधान की वजह से सोमवार को राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद 12 बजकर करीब पांच मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल दोनों नहीं हो पाए। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा। हंगामे के बीच उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल शुरू करने का प्रयास किया।
निलंबित सदस्यों के मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सरकार पर गलत आरोप लगा रहे हैं
हंगामे के बीच ही सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि निलंबित सदस्यों के मुद्दे पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सरकार पर गलत आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा ‘‘हमने लगातार कोशिश की और विपक्षी दलों से चर्चा करने का प्रयास किया। लेकिन सदन के बाहर जो बयान आ रहे हैं, वे सही नहीं हैं।’’ गोयल ने दावा किया कि विपक्षी सदस्य जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, उससे लगता है कि उनके मन में कोई पश्चाताप और अफसोस नहीं है। उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील बार-बार की। लेकिन अपनी अपील का कोई असर नहीं होते देख उन्होंने बैठक शुरू होने के पांच मिनट के अंदर ही कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए
इससे पहले सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल शुरू कराया, कांग्रेस सहित विपक्षी सदस्यों ने संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कथित अशोभनीय आचरण के लिए शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए बारह सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग की।
विपक्षी सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील
सभापति ने सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले, सदन में संसद पर हमले की 20वीं बरसी पर, लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले सुरक्षा कर्मियों और आतंकियों की गोलीबारी में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई।
राज्यसभा के निलंबित सदस्यों का बापू की प्रतिमा के सामने धरना जारी
संसद के मानसून सत्र के दौरान उच्च सदन में ‘‘अशोभनीय आचरण’’ को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सांसदों ने अपने खिलाफ की गई कार्रवाई के विरोध में सोमवार को संसद परिसर में धरना दिया।गत 29 नवंबर को हुए निलंबन के बाद से इस कार्रवाई के विरोध में रोजाना संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर रहे 12 निलंबित विपक्षी सांसदों ने आज भी बापू की प्रतिमा के सामने धरना जारी रखा। इन विपक्षी सांसदों का कहना है कि जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक वे संसद की कार्यवाही के दौरान सुबह से शाम तक महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठेंगे।
निलंबन रद्द होने तक अपना धरना जारी रखेंगे
निलंबित सांसदों में शामिल कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने कहा, ‘‘हम निलंबन रद्द होने तक अपना धरना जारी रखेंगे। निलंबन असंवैधानिक और नियमों के विरूद्ध है। यह रद्द होना चाहिए।’’पिछले 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था।
ये है 12 निलंबित सदस्य
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।