कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कथित ‘कोविड टूलकिट’ से जुड़े विवाद की पृष्ठभूमि में बुधवार को कहा कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति ने ‘मैनिपुलेटिड मीडिया’ (तथ्यों के साथ छेड़छाड़) के मुद्दे पर सूचना इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को ट्विटर के साथ उसके संवाद के बारे में लिखा था तथा उसे विस्तृत जवाब भी मिल गया है।
थरूर ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर पलटवार भी किया और इस बात पर जोर दिया कि ‘मैनिपुलेटिड मीडिया’ के मुद्दे पर ट्विटर के साथ इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ‘संपर्क’ को लेकर उससे स्पष्टीकरण मांगना पूरी तरह से समिति के अधिकार क्षेत्र में आता है।
गौरतलब है कि निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता थरूर संसद की सूचना और प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष के तौर पर अपने पद का इस्तेमाल केंद्र सरकार की छवि खराब करने के लिए कर रहे हैं। समिति के सदस्य दुबे ने पत्र में कथित ‘कोविड टूलकिट’ के मुद्दे पर केंद्र सरकार के बारे में की गईं थरूर की हालिया टिप्पणियों का भी जिक्र किया था।
लोकसभा सदस्य थरूर ने दुबे के आरोपों का हवाला देते हुए बुधवार को ट्वीट कर कहा कि मौजूदा हालात में समिति की बैठक नहीं हो पाने के मद्देनजर यह जरूरत पड़ने पर संबंधित मंत्रालयों के साथ लिखित रूप से संवाद करती है। उन्होंने यह भी बताया कि समिति के सचिवालय ने इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को ईमेल किया था और 26 मई को मंत्रालय की तरफ से समग्र उत्तर आ गया तथा इसे समिति के सदस्यों के पास भेजा जा रहा है।
थरूर के अनुसार, यह समिति पहले से ही नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और ऑनलाइन मीडिया के मंचों के दुरुपयोग के विषय पर विचार कर रही है जो वर्तमान मुद्दे से भी संबंधित है। उन्होंने दुबे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सदस्यों को सलाह है कि वे बिना चर्चा किए हए मीडिया में अपनी चिंताओं को जाहिर करने की बजाय समिति के अध्यक्ष या समिति के सचिवालय से सीधे बातचीत करें।