प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र को लोकहित एवं देशहित में सार्थक बनाने की अपील करते हुए कहा कि लंबित विधायी एजेंडा पूरा करने के लिये कठिन परिश्रम करेंगे और सारे महत्वपूर्ण विषयों को नतीजे तक पहुंचायेंगे । सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं उम्मीद करता हूं कि सत्र काफी सार्थक रहेगा । यह सत्र महत्वपूर्ण है। सरकार की तरफ से कई महत्वपूर्ण विषय रहेंगे, जो जनहित के हैं, देशहित के हैं और सभी का यह प्रयास रहे कि हम अधिक से अधिक काम जनहित, लोकहित का और देशहित का कर पाएं।’’ मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सदन के सभी सदस्य इस भावना का आदर करते हुए आगे बढ़ेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए एक शोक-प्रस्ताव पारित किया और उन्हें ‘संसद के महानतम सदस्यों में एक’ की संज्ञा दी गयी। शीतकालीन सत्र की शुरूआत मंगलवार को हुई। लोकसभा में आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद अनंत कुमार को श्रद्धांजलि दी गयी। सभा ने सदन के तीन दिवंगत सदस्यों को भी श्रद्धांजलि दी। वाजपेयी के सम्मान में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में एक शोक-प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, ‘‘अटलजी हमारी संसद के महानतम सदस्यों में से एक थे।
उन्होंने कहा कि हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि सभी विषयों पर चर्चा हो। खुल करके चर्चा हो, तेज-तर्रार चर्चा हो, तीखी तमतमाती चर्चा हो… लेकिन चर्चा तो हो! वाद हो, विवाद हो, संवाद तो होना ही चाहिए । प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘ इसलिए हमारी यह गुजारिश रहेगी, हमारा आग्रह रहेगा कि यह सदन निर्धारित समय से भी अधिक समय काम करे। सारे महत्वपूर्ण विषयों को नतीजे तक पहुंचाये। ’’ उन्होंने कहा कि चर्चा करके उसे और अधिक सार्थक बनाने के लिए, और अधिक मजबूत बनाने के लिए प्रयास हो । मोदी ने कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल जो मई महीने में कसौटी पर कसने वाले हैं, तो जरूर जनता जनार्दन का ध्यान रख करके इस सत्र का सर्वाधिक उपयोग जनहित के लिए करेंगे, दल हित के लिए नहीं करेंगे। ’’ मई महीने में सभी पार्टियां अपनी कसौटी पर उतरेंगी। सत्र के दौरान वाद हो, प्रतिवाद हो, तीखी चर्चा हो लेकिन चर्चा तो हो ।
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी दलों से संसद के शीतकालीन सत्र का निजी हितों के बजाय जनहित में उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश के लोगों से जुड़े कई महत्वपूर्ण विधायी कार्य एवं विधेयक लंबित हैं। ‘‘ मैं उम्मीद करता हूं कि सत्र में कामकाज सुचारू रूप से चलेगा । ’’ उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से शुरू होकर आठ जनवरी तक चलेगा। सत्र ऐसे समय में शुरू हुआ है जब पांच राज्यों के चुनाव परिणाम सामने आ रहे हैं। ताजा रूझानों के अनुसार मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में विपक्षी कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा है जहां भाजपा सत्ता में थी। संसद सत्र सुचारू रूप से चलाने के लिये सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी । बैठक में प्रधानमंत्री ने सरकार और विपक्ष से मिलकर सत्र को सार्थक बनाने की अपील की थी । सोमवार को ही विपक्षी दलों की बैठक भी हुई थी जिसमें विपक्षी दलों ने राफेल सौदा, सीबीआई एव आरबीआई की स्वायत्तता, किसानों के मुद्दे सहित विभिन्न विषयों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर विचार किया था ।