मणिपुर में शनिवार, 13 नवंबर को सुबह 10 बजे के करीब में 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी को निशाना बनाकर उनके काफिले पर हमला किया गया।इस हमले में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और 9 साल के बेटे ने मौके पर ही मौत हो गई।वहीं चार और जवान शहीद हो गए. कुल सात जानें गई हैं।
पीएम मोदी का ट्वीट
Strongly condemn the attack on the Assam Rifles convoy in Manipur. I pay homage to those soldiers and family members who have been martyred today. Their sacrifice will never be forgotten. My thoughts are with the bereaved families in this hour of sadness.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2021
आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कायराना हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा- मैं मणिपुर में असम राइफल्स के काफिले पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं उन वीर जवानों और उनके परिवार के सदस्यों को श्रद्धांजलि देता हूं जो आज शहीद हुए हैं। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। बता दें इस हमले की आधिकारिक तौर पर किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन कहा जा रहा है कि मणिपुर की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने इसे अंजाम दिया है।
मीड़िया रिपोर्टस के मुताविक मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट की है।आतंकियों ने इस हमले को उस समय अंजाम दिया जब 6 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी फॉरवर्ड कैंप से वापस लौट रहे थे।उस समय उनके काफिले में उनका परिवार भी मौजूद था।आतंकियों को उनकी मूवमेंट की पूरी जानकारी थी।तय रणनीति के तहत सिंघाट में उनके काफिले को निशाना बनाया।
आतंकी संगठन है पीएलए
घटना चुराचंदपुर जिले के सिंगनगाट के सेहकेन गांव में शनिवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर हुई। आतंकियों की इस नापाक साजिश में 7 लोगों की मौत हो गई है. इस हमले के लिए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसका गठन साल 1978 में हुआ था, बाद में भारत सरकार ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। ये संगठन मणिपुर में भारतीय सुरक्षाबलों पर धोखे से हमले करने के लिए जाना जाता है। इसका गठन बिश्वेसर सिंह ने किया था। आतंकी संगठन पीएलए स्वतंत्र मणिपुर की मांग करता है।