विश्व के सबसे लम्बे क्रूज को हरी झंडी मिलने वाली है। मिली जानकारी के अनुसार, आगामी 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ‘गंगा विलास क्रूज़’ को पहली यात्रा के लिए रवाना किया जायेगा। क्रूज को रवाना करने के कार्यक्रम की तैयारियां जोरो-शोरों से शुरू कर दी गयी हैं। उत्तर प्रदेश के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। ट्वीट में कहा गया है, ”उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए असम से डिब्रूगढ़ तक दुनिया के सबसे लम्बे क्रूज पर्यटन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाएंगे।”
उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ तक दुनिया के सबसे लंबे क्रूज पर्यटन को प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी 13 जनवरी को हरी झंडी दिखाएंगे।https://t.co/YVyzrs9J3s
— Information and Public Relations Department, UP (@InfoDeptUP) January 2, 2023
अधिकारियों को दिए गए जरूरी निर्देश
हालांकि प्रशासन के पास प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से मोदी का कोई औपचारिक कार्यक्रम अभी नहीं आया है, लेकिन जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। वाराणसी के मण्डलायुक्त कौशल राज शर्मा और जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने इस सिलसिले में संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग और अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं। मण्डलायुक्त शर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि आगामी 13 जनवरी को वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक चलने वाले विश्व के सबसे लंबे क्रूज को रवाना किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस क्रूज को रविदास घाट के सामने जेटी बोर्डिंग पॉइंट से हरी झंडी दिखायी जाएगी।
3200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा क्रूज
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, गंगा विलास क्रूज कुल 3200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। क्रूज द्वारा की जाने वाली यह दुनिया की सबसे लंबी यात्रा होगी। सूत्रों के अनुसार यह सफर कुल 50 दिनों का होगा और इस दौरान यह जलयान भारत और बांग्लादेश की 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगा। सूत्रों के अनुसार रास्ते में यह क्रूज 50 से अधिक जगहों पर रुकेगा, जिनमें विश्व विरासत स्थल भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह जलयान राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों से भी होकर गुजरेगा, इनमें सुंदरबन डेल्टा और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान भी शामिल हैं।