राफेल लड़ाकू विमान को लेकर बढ़ते विवाद के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने बुधवार को कहा कि यह सौदा ”अच्छा पैकेज” है और विमान उपमहाद्वीप के लिए ‘‘महत्वपूर्ण’’ साबित होगा। उन्होंने कहा कि दसॉल्ट एविएशन ने ऑफसेट साझेदार को चुना और सरकार तथा भारतीय वायुसेना की इसमें कोई भूमिका नहीं थी।
उन्होंने कहा, ”राफेल एक अच्छा लड़ाकू विमान है। यह उपमहाद्वीप के लिये काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।” वायुसेना प्रमुख ने कहा, ”हमें अच्छा पैकेज मिला, हमें राफेल सौदे में कई फायदे मिले।” कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष सरकार पर राफेल सौदे में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहा है। भाजपा ने इन सभी आरोपों को झूठा बताया है।
राफेल विवाद में दिलचस्प मोड़ पिछले महीने तब आया जब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से कहा गया कि फ्रांस को दसॉल्ट के वास्ते भारतीय साझेदार चुनने के लिए कोई विकल्प नहीं दिया गया था। भारत सरकार ने फ्रेंच एयरोस्पेस कंपनी के लिए ऑफसेट साझेदार के रूप में रिलायंस के नाम का प्रस्ताव रखा था। मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की थी।