केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच पैदा हुए मतभदों को ठीक करने के लिए गवर्नर उर्जित पटेल ने पिछले सप्ताह पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुये कहा कि शुक्रवार को पटेल दिल्ली में थे और उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। और दोनों के बीच इस विवाद को सुलझाने को लेकर एक फॉर्मूला भी तय हुआ है। सूत्रों ने सीएनबीसी-टीवी 18 को बताया कि दोनों एक फॉर्मूले पर सहमत हुए। इस फॉर्मूले के तहत आरबीआई से पैसे मांगने को लेकर केंद्र नरमी बरतेगा और दूसरी तरफ बैंक सरकार को कर्ज देने में थोड़ी ढिलाई बरतेगा।
माना जा रहा है कि इस फॉर्मूले के तहत आरबीआई कुछ बैंको को अपने प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क से बाहर करेगा जिससे वे बैंक अधिक लोन दे सकेंगे। लो कैपिटल बेस और बैड लोन समस्याओं के चलते रिजर्व बैंक ने बैंकों के लोन देने पर नियंत्रण लगाया था।
11 बैंकों पर तब तक लोन देने पर प्रतिबंध लगाया गया था जब तक वे अपने बैड लोन को कंट्रोल नहीं करते, अपने कैपिटल रेशियो नहीं बढ़ाते और फायदेमंद साबित नहीं होते। इस पर सरकार ने दलील दी कि यह प्रतिबंध काफी कड़ा है और इसके चलते छोटे और मझोले कारोबारियों को लोन ही नहीं मिल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार और आरबीआई के इस बात पर सहमत हुए हैं कि कुछ बैंको को पीसीए राडार से बाहर किया । इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने पर सहमति बनी है कि आरबीआई के इस कदम से छोटे और मझोले कारोबारियों को कोई परेशानी न हो।