पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रूजिरा बनर्जी मनी लॉड्रिंग के आरोपों में फंसे हुए है। ऐसे में उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन के खिलाफ दायर याचिका पर देश की शीर्ष अदालत, उच्चतम न्यायालय अगले सप्ताह सुनवाई करेगी।
सुनवाई अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध करने की अनुमति दे दी
तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी के वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस एन वी रमना की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ से आग्रह किया कि इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया जाये। इस पर खंडपीठ ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह के लिये सूचीबद्ध करने की अनुमति दे दी। खंडपीठ के अन्य सदस्य जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट गये लेकिन 11 मार्च को उनकी याचिका खारिज कर दी
ईडी ने अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी को समन भेजकर पूछताछ के लिये 21 तथा 22 मार्च को पेश होने के लिये कहा था। दोनों पहले इस समन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट गये लेकिन 11 मार्च को उनकी याचिका खारिज कर दी गयी। दिल्ली हाईकोर्ट में उन्होंने दलील पेश की थी कि अभिषेक बनर्जी तृणमूल के सदस्य हैं और केंद्र की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी उसकी विरोधी है, इसी कारण वह केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके याचिकाकर्ता को निशाना बना रही है।
ईडी ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर समन जारी किया है
तृणमूल नेता ने साथ ही यह भी दलील दी थी कि ईडी ने अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर समन जारी किया है। इस तरह से यह एजेंसी बिना यह देखे कि अपराध कहां हुआ है, किसी भी अन्य राज्य के लोगों को पूछताछ के लिये कहीं भी बुला सकती है। इसका परिणाम बहुत गलत होगा।
उन्होंने अपनी याचिका में यह भी कहा था कि ईडी ने अपने कोलकाता कार्यालय में उनसे पूछताछ की कोई कोशिश नहीं की और उन्हें नयी दिल्ली कार्यालय में पेश होने का समन भेजा। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने और ईडी को पीएमएलए की धारा 50 के तहत कोलकाता में ही समन भेजने का आग्रह करते हुये सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।