केंद्र की मोदी सरकार भारतीय रेलवे को एक नई गति देने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। तो अभी तक काफी नए कार्यों से सरकार ने ये बताया भी है। इसी कड़ी में सरकार ने बुधवार को बताया कि स्टेशनों के विकास के लिए तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन करने हेतु पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों के रेलवे स्टेशनों को रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंपा गया है।
लोकसभा में भोला सिंह, सुकान्त मजूमदार, भगवंत मान, राजा अमरेश्वर नाईक और डा. जयंत कुमार राय के प्रश्न के लिखित उत्तर में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी। रेल मंत्री ने बताया कि दो स्टेशनों गांधीनगर (गुजरात), रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (मध्य प्रदेश) को विकसित कर यातायात के लिए खोल दिया गया है। उन्होंने बताया कि सर एम विश्वेश्वरैया टर्मिनल (बेंगलूरू) सेवा में शामिल होने के तैयार है।
मंत्री के अनुसार पांच स्टेशनों अयोध्या, सफदरजंग, बिजवासन, गोमतीनगर और अजनी पर कार्य चालू है, वहीं अन्य स्टेशनों पर तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन विभिन्न चरणों के अंतर्गत हैं। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि विकसित स्टेशनों में प्रस्तावित विशेषताओं में स्टेशन परिसरों के लिए भीड़ मुक्त गैर-टकराव प्रवेश/निकासी, यात्रियों के आगमन/प्रस्थान का पृथक्करण, बिना किसी भीड़-भाड़ के व्यवस्था, शहर के दोनों ओर तथा परिवहन प्रणाली के अन्य साधनों अर्थात बस, मेट्रो आदि का एकीकरण शामिल है।
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रेल मंत्री ने कहा, ‘‘ रेल मंत्रालय विभिन्न मॉडलों के तहत रेलवे स्टेशनों को विकसित करने के लिए संभावनाएं तलाश रहा है।’’ उन्होंने कहा कि तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए पश्चिम बंगाल के छह स्टेशन, उत्तर प्रदेश के बारह स्टेशन और पंजाब के चार स्टेशन रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) को सौंपे गए हैं।