कोरोना महामारी के बाद अब देश में म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस ने अपना आतंक मचाना शुरू कर दिया है। कोरोना के दुष्प्रभावों से होने वाली बिमारियों से भी रोज देश में कई लोगों कि मौतें हो रही है। वहीं ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के इलाज को लेकर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार कदम उठा रही है और इसी दिशा में सरकार कच्चे माल से जुड़े मुद्दों का समाधान करने के लिए लगातार दवा निर्माताओं के साथ संपर्क में हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार एम्फोटेरिसिन-बी/लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन और वैकल्पिक दवाओं की पहचान की जा रही है और सरकार म्यूकोरमाइकोसिस के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाओं के निर्माण, आयात, आपूर्ति और उपलब्धता की लगातार निगरानी कर रही है कुछ राज्यों में एम्फोटेरिसिन-बी की मांग में अचानक बढ़ोतरी देखी गई है, जिसे चिकित्सक सक्रिय रूप से म्यूकोरमाइकोसिस पीड़ति मरीजों के लिए सलाह दे रहे हैं।
म्यूकोरमाइकोसिस को कोविड के बाद होने वाली जटिलता के रूप में देखा जा रहा है। उत्पादन बढ़ने व आयात के सक्रिय उपायों और समान वितरण सुनिश्चित करने के माध्यम से, सरकार राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों के लिए एम्फोटेरिसिन-बी की 6.67 लाख से अधिक शीशियां जुटाने में सक्षम हुई है। यह इस बीमारी में इस्तेमाल हो रही एम्फोटेरिसिन डीऑक्सीकोलेट और पॉसकोनाजोल जैसी अन्य दवाओं के अतिरिक्त है।