दिल्ली और मुंबई के बीच बनने जा रहे भारत के सबसे बड़े
एक्सप्रेस वे का कार्य निर्माणाधीन है। इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद कई
राज्यों के लोगों को फायदा होगा और उनका सफर कम समय में तय होगा। जनवरी 2023 तक
इसका काम पूरा होना है। 1350 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे में 8 लेन होंगे। यह एशिया
का पहला एक्सप्रेस-वे होगा जहां बिना किसी
रिस्ट्रिक्शन के लिए वाइल्डलाइफ मूवमेंट जारी रहेगा. केंद्रीय
सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे ड्रीम प्रोजेक्ट
हैं.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के एक हिस्से का काम लगभग पूरा हो चुका है। अगले
महीने अप्रैल से आम लोगों की आवाजाही के लिए इसे खोल दिया जाएगा। एक्सप्रेस वे का
यह पहला हिस्सा फिरोजपुर झिकरा से अलवर के बीच होगा जिसकी कुल लंबाई 73 किलोमीटर
है। अभी इस दूरी को तय करने में लगभग डेढ़ घंटा लगता है लेकिन एक्सप्रेस वे के
शुरू होने के बाद इस दूरी को मात्र 35 से 40 मिनट में तय किया जा सकेगा। एक्सप्रेस
वे के इस हिस्से के शुरू होने के बाद खासतौर पर दिल्ली से राजस्थान जाने वाले
लोगों का सफर जल्दी तय होगा। बता दें कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे राजस्थान के 7
जिले से गुजरेगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की खासियत
एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट की शुरुआत 2018 में
हुई थी।
9 मार्च 2019 से एक्सप्रेस वे का निर्माण
कार्य शुरू हुआ।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे 1350 किलोमीटर
लंबा होगा।
यह 8 लेन का एक्सप्रेसवे होगा।
एक्सप्रेस वे पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति
घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।
जनवरी 2023 तक एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो
जाएगा।
एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट में 98 हजार करोड़
रुपये की लागत लगेगी।
एक्सप्रेस वे के आसपास 20 लाख से अधिक पेड़ों
को लगाया जाएगा।