Winter Session: राज्यसभा में उठा ब्रह्मपुत्र नदी पर बने चीन के बड़े बांधों का मुद्दा, घाटी की सभ्यता को खतरा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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Winter Session: राज्यसभा में उठा ब्रह्मपुत्र नदी पर बने चीन के बड़े बांधों का मुद्दा, घाटी की सभ्यता को खतरा

वरिष्ठ नेता वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बड़े-बड़े बांधों का निर्माण करने से इस नदी में जल प्रवाह बाधित हुआ है और इससे ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता को खतरा पैदा हो गया है।

असम गण परिषद (अगप) के सदस्य और वरिष्ठ नेता वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने गुरुवार को कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बड़े-बड़े बांधों का निर्माण करने से इस नदी में जल प्रवाह बाधित हुआ है और इससे ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता को खतरा पैदा हो गया है। राज्यसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह इस मुद्दे पर चीन से तत्काल बात करे और मेकांग नदी जल समझौते की तर्ज पर कोई समझौता करे।
उन्होंने कहा, ‘‘ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता देश की प्राचीन सभ्यता है लेकिन इसे चीन की तरफ से बहुत गंभीर चुनौती पैदा हो गई है। ब्रह्मपुत्र हमारी जीवनरेखा है। 50 प्रतिशत से अधिक पानी हमें ब्रह्मपुत्र नदी से मिलता है। ब्रह्मपुत्र नदी का स्रोत चीन में है। चीन ने इस स्रोत के पास बहुत बड़े-बड़े बांधों का निर्माण किया है और पानी को दूसरी ओर प्रवाहित कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि इन बड़े बांधों के निर्माण के चलते ब्रह्मपुत्र नदी में पानी का प्रवाह कम हो गया है और इस वजह से ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेकांग नदी का पानी छह विभिन्न देशों द्वारा साझा किया जाता है। उनके बीच पानी साझा करने को लेकर एक समझौता है। आपके माध्यम से मैं संबंधित मंत्रालय से आग्रह करता हूं कि वह कोई समझौता करें ओर चीन को ब्रह्मपुत्र नदी के जल को दूसरी ओर प्रवाहित करने से रोके। नहीं तो ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता नहीं बचेगी। यह बहुत दुर्भायपूर्ण होगा।’’
वैश्य ने कहा, ‘‘इसलिए चीन के साथ इस मुद्दे को तत्काल उठाइए और ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता को बचाइए।’’ बता दें कि ब्रह्मपुत्र को भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और बांग्‍लादेश के लिए जीवन का आधार माना जाता है और लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं। मेकांग नदी को दक्षिण पूर्व एशिया की गंगा कहा जाता है। यह नदी चीन से निकलकर म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम तक बहती है।

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