संन 2008 में हुए अहमदाबाद विस्फोट मामले में अदालत अपना फैसला मंगलवार को सुना सकती हैं। इस विस्फोट में 56 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 80 आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया था।
चार महीने चली मामले की सुनवाई
विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने कहा कि विशेष न्यायाधीश एआर पटेल ने पिछले साल सितंबर में 13 साल से अधिक पुराने मामले में लगभग चार महीने की सुनवाई के बाद पहली बार फैसले की तारीख मंगलवार (एक फरवरी) तय की।
21 विस्फोट में 56 लोगों ने गंवाई थी अपनी जान
अहमदाबाद शहर में 26 जुलाई, 2008 को 70 मिनट के भीतर हुए 21 बम विस्फोटों में कम से कम 56 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। पुलिस ने दावा किया था कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के गुट इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से जुड़े लोग विस्फोट में शामिल थे।
गोधरा कांड का बदला लेने की साजिश से किया था विस्फोट
आरोप लगाया गया कि इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों ने गुजरात में 2002 के गोधरा दंगों का बदला लेने के लिए विस्फोट की साजिश रची और उन्हें अंजाम दिया, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कई लोग मारे गए थे।
घटना से जुड़े नौ आरोपी अभी भी फरार
अहमदाबाद में सिलसिलेवार धमाकों के कुछ दिनों बाद पुलिस ने सूरत के अलग-अलग हिस्सों से बम बरामद किए थे, जिसके बाद अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 प्राथमिकी दर्ज की गई। अदालत द्वारा सभी 35 प्राथमिकी को एक में मिलाने के बाद मुकदमा चलाया गया। 78 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू हुआ और उनमें से एक के सरकारी गवाह बनने के बाद यह संख्या घटकर 77 हो गई। इस मामले में आठ से नौ आरोपी अब भी फरार हैं।