केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को कहा कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा एक दिन पहले आहूत की गई हड़ताल के दौरान राज्य में हुई हिंसा पूर्व नियोजित थी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। विजयन ने यहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संघ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंसा की निंदा की और कहा कि इससे राज्य में सार्वजनिक तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है।
पीएफआई के नियोजित बंद के राज्य को हिंसा का सामना करना पड़ा
विजयन ने कहा, पीएफआई के नेतृत्व में कल की हड़ताल में केरल में पूर्व नियोजित हिंसा देखी गई। राज्य को उनकी (पीएफआई) ओर से एक संगठित और हिंसक स्थिति का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप राज्य को भारी नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को नष्ट करने का प्रयास था और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
केरल पुलिस ने कई पीएफआई कार्यकर्ताओं को किया था गिरफ्तार
अधिकारियों ने कहा था कि देशभर में लगभग एक साथ छापेमारी में एनआईए के नेतृत्व में 22 सितंबर को विभिन्न एजेंसियों ने अभियान चलाकर 11 राज्यों में पीएफआई के 106 कार्यकर्ताओं को आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पीएफआई ने 23 सितंबर को केरल में हड़ताल की घोषणा की थी और इस दौरान राज्य में व्यापक हिंसा हुई थी।
कार्रवाई से बौखला गया हैं पीएफआई
आतंकी गतिविधि में संलिप्त पीएफआ एनआईए व ईडी की कार्रवाई से बौखला गया हैं। कल एनआईए ने कोर्ट में हिरासत में लिए गए आरोपियों की पेशी के दौरान कोर्ट को पीएफआई की आतंकी गतिविधि से संबंध होने के बारे में गहन जानकारी दी थी। पीएफआई चरमपंथ के सहारे देश में इस्लामिक शासन लाने की मंसूबों को पाले रखता हैं। ईडी पीएफआई पर आने वाली खाड़ी देशों से फंडिग की जांच कर रहा हैं। पीएफआई का कैडर देश के 15 राज्यों में फैल चुका हैं ,चरमपंथ व हिंसक विचारों के साथ इस समूह शामिल होने वाले लोगों को आंतकी प्रशिक्षण दिया जाता हैं। जो कट्टरता के चलते आतंकी वारदातों को अंजाम देते हैं।