केंद्र द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही पीएफआई के विभिन्न सहयोगी सगठनों को 5 साल के लिए बैन किया गया है। सरकार के इस फैसले की बीजेपी ने सराहना की है। वहीं पीएफआई के बैन होने पर विश्व हिन्दू परिषद (VHP) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भारत को आतंक मुक्त बनाने के लिए पीएफआई को हटाना जरूरी है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों का संबंध स्लामिक स्टेट ऑफ इराक (ISI) एंड सीरिया जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से है।
भारत की सरज़मीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरज़मीं नहीं
PFI पर लगे बैन पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रज़वी ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कट्टरपंथी संगठन PFI पर प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है। भारत की सरज़मीं कट्टरपंथी विचारधारा की सरज़मीं नहीं है और न यहां ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा पनप सकती जिससे मुल्क़ की एकता-अखंडता को खतरा हो।
ISIS से PFI के लिंक
PFI पर बैन का ऐलान करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि PFI के वैश्विक आतंकवादी समूहों जैसे कि आईएसआईएस से लिंक के उदाहरण मिले हैं। इससे जुड़ी संस्थाएं देश में असुरक्षा की भावना पैदा कर कट्टरपंथ को बढ़ाने का काम कर रही हैं। पीएफआई के संस्थापक कई सदस्य सिमी के भी सदस्य रह चुके हैं।
केंद्र ने PFI समेत इन संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया है। जिसमें कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑळ इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइंजेशन, विमेंस फ्रंट, जूनियर फंर्ट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन, स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और रिहैब फाउंडेशन शामिल हैं।