तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में एक बार फिर जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया। एर्दोआन ने वैश्विक नेताओं के नाम संबोधन में कहा कि हम 74 वर्षों से कश्मीर में चल रही समस्या को पार्टियों के बीच बातचीत के माध्यम से और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के ढांचे के भीतर हल करने के पक्ष में अपना रुख बनाए रखते हैं।
एर्दोआन के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के.सिंह ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति तैयब एर्दोगन के इस बयान को लाइमलाइट में बने रहने का प्रयास करार देते हुए कहा कि लाइमलाइट में रहने के लिए सभी कुछ न कुछ खोजते हैं। उनके देश में और सऊदी वर्ल्ड में समस्या हो रही है, इसलिए उन्हें कुछ न कुछ करना है। इसपर ध्यान नहीं देना चाहिए।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के करीबी सहयोगी, तुर्की के राष्ट्रपति उच्च स्तरीय सामान्य चर्चा में अपने संबोधन में बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं। पिछले साल की यात्रा में भी र्दोआन ने सामान्य चर्चा के लिए अपने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो बयान में जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया था।
वहीं एर्दोआन ने मंगलवार को युक्त राष्ट्र महासभा की सामान्य चर्चा के दौरान अपने संबोधन में कश्मीर मुद्दे पर अपने पहले वाले रुख पर कायम रहे। ओस दौरान तुर्की के राष्ट्रपति ने शिन्जियांग में चीन के अल्संख्यक मुस्लिम उइगुर और म्यांमा के रोहिंग्या अल्पसंख्यकों का भी जिक्र किया।