देशव्यापी लॉकडाउन के बीच देश के अन्य राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के 15 लाख 62 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक एवं कामगार गृह प्रदेश पहुंचे हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोपहर दो बजे तक 1174 ट्रेनें आयीं और इनसे 15 लाख 62 हजार प्रवासी श्रमिक एवं कामगार आए।
सोमवार रात तक 102 ट्रेनें आएंगी और कुल 1361 ट्रेनों पर 18 लाख 62 हजार श्रमिकों एवं कामगारों को लाने की व्यवस्था कर दी गयी है। अगले तीन चार दिन में अधिक से अधिक लोगों को लाया जाएगा। राजस्थान और हरियाणा से भी बसों का संचालन जारी है। उन्होंने बताया कि अब तक ट्रेनों, बसों एवं अन्य वाहनों से लगभग 24 लाख प्रवासी श्रमिक एवं मजदूर उत्तर प्रदेश आ चुके हैं।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक में कामगारों एवं श्रमिकों की विभिन्न प्रदेशों से वापसी की समीक्षा की। उन्होंने आदेश दिया कि माइग्रेशन कमीशन का नाम ”कामगार श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) कल्याण आयोग” रखा जाए।
उन्होंने बताया कि यह आयोग श्रमिकों एवं कामगारों के सेवायोजन, रोजगार, स्किल मैपिंग और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक दो दिन में आयोग के गठन की कार्रवाई सुनिश्चित कर ली जाए। अवस्थी ने बताया कि अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं का निरीक्षण करने बहुत जल्द मुख्यमंत्री स्वयं जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में पुलिस द्वारा पैदल गश्त की गयी। पूरे प्रदेश में शांति रही। लोगों ने घरों पर नमाज पढ़ते हुए ईद मनायी। अवस्थी ने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए 57, 449 प्राथमिकी दर्ज की गयी। वाहनों की सघन जांच की गयी और 21.5 करोड रूपये का शमन शुल्क वसूला गया।
कालाबाजारी एवं जमाखोरी के खिलाफ 652 प्राथमिकी दर्ज की गयी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 960 हॉटस्पाट (संक्रमण से ज्यादा प्रभावित) क्षेत्र हैं। इनमें आठ लाख 21 हजार मकान और 47 लाख 50 हजार लोग हैं।