उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और कानपुर पुलिस ने एक साझा अभियान में 'रेमडेसिविर' इंजेक्शन की तस्करी करने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से रेमडेसिविर इंजेक्शन की 265 शीशियां बरामद की गई हैं। पकड़े गए तीन तस्करों में से दो मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव का काम करते थे।
एसटीएफ के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने बताया कि सैन्य खुफिया विभाग, लखनऊ से यह जानकारी मिली थी कि कोविड-19 महामारी में जीवन रक्षक कोविफार इंजेक्शन (रेमडेसिविर) की स्थानीय बाजारों में लगातार कमी के कारण दवा तस्कर इसे निर्धारित मूल्य से काफी ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि खुफिया सूचना को अधीनस्थों के साथ साझा किया गया और इसके बाद कार्रवाई हुई। अभिसूचना संकलन के दौरान एसटीएफ, कानपुर इकाई के निरीक्षक लान सिंह को मुखबिर के जरिए सूचना मिली कि रेमडेसिविर इंजेक्शन ऊंचे दामों पर बेचने के लिए गुरुवार को किदवई नगर चौराहे पर थोक में किसी को देने आने वाले है। इस सूचना के आधार पर बाबूपुरवा पुलिस की मदद से एसटीएफ टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियां बरामद कीं।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान कानपुर के नौबस्ता थाना क्षेत्र के न्यू बस्ती खाड़ेपुर निवासी मोहन सोनी और कानपुर देहात के गजनेर थाना क्षेत्र के सूरजपुर निवासी प्रशांत शुक्ला तथा हरियाणा के यमुनानगर निवासी सचिन कुमार के रूप में हुई। एसटीएफ के अनुसार मोहन कुमार और प्रशांत शुक्ला चिकित्सा प्रतिनिधि (एमआर) हैं। कानपुर की पुलिस उपायुक्त दक्षिण रवीना त्यागी ने बताया कि बरामद इंजेक्शन पर बैच नंबर या अन्य संबंधित जानकारी अंकित नहीं है। त्यागी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं।
डीसीपी ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ बाबूपुरवा थाने में मामला दर्ज किया गया है। एसटीएफ के अनुसार पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि इंजेक्शन की कीमत 5400 रुपए है जिसकी बाजार में काफी कमी है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में रेमडेसिविर की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को गुजरात से रेमडेसिविर की 25000 शीशी मंगवाई।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया था कि हर जिले में रेमडेसिविर, आईवरमेक्टिन, पैरासिटामॉल, डॉक्सीसाइक्लिन, एजीथ्रोमाइसिन, विटामिन सी, जिंक टैबलेट, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन डी3 की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। एक अधिकारी ने बताया कि इस वक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है और इसे गंभीर मरीजों को दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन और रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्यूटिक इंग्रीडियेंट्स के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है।