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कर्ज के चलते गढ़ी अपने ही अपहरण की कहानी, पुलिस ने 30 वर्षीय युवक को किया गिरफ्तार

आरोपी की योजना पर पानी तब फिरा जब उसके पिता पुलिस स्टेशन पहुंचे। उनकी शिकायत पर पुलिस ने जांच की तो सारा मामला शीशे की तरह साफ हो गया।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में झूठे अपहरण का मामला सामने आया है। यहां 30 वर्षीय युवक ने कर्ज के चलते पहले खुद के ही अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी और फिर अपने ही परिवार से फिरौती के 30 लाख रुपए की मांग भी कर डाली। इतना ही नहीं पैसे पाने के लिए उसने अपने पिता को जमीन बेचने के लिए मजबूर किया, ताकि वो उसे फिरौती की रकम दे सकें।आरोपी की योजना पर पानी तब फिरा जब उसके पिता पुलिस स्टेशन पहुंचे। उनकी शिकायत पर पुलिस ने जांच की तो सारा मामला शीशे की तरह साफ हो गया। 
दरअसल, नवादा गौरा दाद का रहने वाले आरोपी हेम बहादुर ने अपने परिवार की जानकारी के बिना 12 लोगों से पैसे उधार लिए थे। इसके बाद 4 मार्च को उसने अपनी पत्नी और एक अन्य रिश्तेदार को बिना नाम लिखे मैसेज किए और कहा कि यदि वे हेम बहादुर को जिंदा देखना चाहते हैं, तो 30 लाख रुपये दे दें। 
इस एसएमएस में पुलिस के पास न जाने की चेतावनी देते हुए लिखा, “हेम बहादुर हमारी कैद में है और यदि आप उसे जिंदा देखना चाहते हैं, तो 30 लाख रुपये का इंतजाम करें। यदि पुलिस या राजनेताओं से संपर्क करते हैं, तो आपको उसकी लाश भी नहीं मिलेगी।” बाद में क्राइम ब्रांच और लालगंज पुलिस ने हेम बहादुर को नया पुरवा नहर पुल के पास एक रोडवेज बस में पकड़ लिया।
पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) दिनेश कुमार द्विवेदी ने कहा, “आरोपी के पिता राम जियन वर्मा ने 4 मार्च को लालगंज पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि उनका बेटा हेम बहादुर लापता हो गया है। वर्मा को यह भी संदेह था कि उनके बेटे का अपहरण पैसे के लिए किया गया है। 
लालगंज पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 364 के तहत मामला भी दर्ज किया गया। सर्विलेंस टीम को पता चला कि 6 मार्च को हेम बहादुर लखनऊ से रायबरेली की ओर जा रहा है। तब क्राइम ब्रांच और लालगंज पुलिस की एक संयुक्त टीम को रायबरेली-लखनऊ राजमार्ग पर भेजा गया, जहां उन्होंने उसे एक रोडवेज बस में ट्रैक किया।” 
पूछताछ के दौरान बहादुर ने कबूल किया कि उसने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर 12 लोगों से कई लाख रुपये ले लिए थे। जब इन लोगों ने उससे तकाजा करना शुरू किया तो उसने खुद के ही अपहरण की साजिश रची। बहादुर ने यह भी कबूल कर लिया है कि वह 4 मार्च को लखनऊ चला गया और उसी ने अपनी पत्नी और रिश्तेदार को एक अज्ञात नंबर से फिरौती के लिए मैसेज भेजा था। उसने बताया कि उसे लगा था कि अपहरण की बात सुनते ही उसके पिता जमीन बेचकर 30 लाख रुपये दे देंगे। फिर वह भूमिगत हो जाता और उन लोगों के पैसे लौटा देता, जिनसे उसने पैसे लिए थे। 

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