एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर फायरिंग करने वाले दोनों आरोपियों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों में से सचिन शर्मा नाम के मास्टरमाइंड के बड़े खुलासे किए हैं। आरोपी ने यह भी बताया कि उसने हथियार का इंतजाम कैसे किया।
बड़ा नेता बनना चाहता था आरोपी
पुलिस की पूछताछ में आरोपी सचिन ने बताया कि वो बड़ा नेता बनना चाहता था और असदुद्दीन ओवैसी के स्पीच से गुस्से में रहता था। जिस वजह से आहत होकर उसने हत्या की साजिश को अपने दोस्त शुभम के साथ रचा था और हथियार का इतंजाम अपने मेरठ वाले दोस्त आलिम को फोन करके किया।
उसने बताया कि जब आलिम से हथियार लिया तो उसने पूछा क्या करना है तो उसने आलिम को बताया कि मर्डर करना है। जिसके बाद उसने पूरी प्लानिंग की लेकिन ओवैसी पर जब फायरिंग करने लगा तो वो नीचे की ओर झुक गए। फिर उसने नीचे की तरफ फायर किया। उसे लगा कि ओवैसी को गोली लग चुकी है। उसके बाद वो वहां से भाग गया।
पहले भी कर चुका है हमले के कई प्रयास
आरोपी ने बताया कि उसने इससे पहले भी 3 से 4 बार कोशिश की थी, लेकिन वो कामयाब नहीं हो सका। वह कई बार ओवैसी की रैलियों में पहुंचा, भीड़ के बीच उनके पास भी पहुंचा, लेकिन मौका नहीं मिला। पूछताछ में सचिन शर्मा ने बताया कि सितंबर में संभल में हुई एक रैली के दौरान भी सचिन ओवैसी के पास पहुंच गया था, लेकिन इससे पहले कि वह पिस्टल निकालता, उससे पहले सेल्फी लेने वाली भीड़ ने उसको वहां से धक्का देकर पीछे कर दिया।
‘Z’ कैटेगरी की सुरक्षा लेने से AIMIM प्रमुख का इंकार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गोलीबारी होने के एक दिन बाद केंद्र ने शुक्रवार को ओवैसी को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने की पेशकश की, लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख ने इसे लेने से मना कर दिया और सरकार से इसके बजाय उन्हें सभी के समान ‘ए’ श्रेणी का नागरिक बनाने को कहा।
ओवैसी पर हमले के खिलाफ हैदराबाद में प्रदर्शन
ओवैसी पर हमले के खिलाफ हैदराबाद में विरोध प्रदर्शन हुआ। ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों, खासकर युवाओं ने हमले की निंदा करते हुए नारेबाजी की और बीजेपी और यूपी पुलिस की निंदा की। उन्होंने एक रैली निकालने की कोशिश की लेकिन समुदाय के बुजुर्गों की सलाह के बाद शांति से तितर-बितर हो गए।