इलाहाबाद हाईकोर्ट के महानिबंधक ने आदेश जारी कर सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को न्यायमूर्तियों के बरामदे से जाने के दौरान उनका सम्मान करने की सलाह दी है। जारी आदेश में कहा गया है कि जब न्यायमूर्ति बरामदे से जा रहे हो तो अधिकारी, कर्मचारी रूक कर इंतजार करें और उनका सम्मान करें। यह सलाह इस जानकारी के बाद दी गयी है कि न्यायमूर्तियों के बरामदों से जाते समय अधिकारी और स्टाफ उनका सम्मान नहीं करते और बिना इंतजार किये क्रास कर रहे हैं।
न्यायमूर्तियों को सम्मान न देकर क्रास करना उनका असम्मान करना है। यह भी कहा गया है कि इस सलाह की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा। न्यायाधीशों को बरामदों से जाते समय पूरा सम्मान दिया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट की परम्परा रही है कि जब भी न्यायमूर्तिगण न्यायकक्ष में बरामदों से होकर गुजरते हैं, प्रत्येक अधिवक्ता, स्टाफ और अधिकारी उनका सम्मान करते हुए रूक जाते हैं और उन्हें खाली स्पेस देते हैं साथ ही अभिवादन करते है।
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यह परम्परा लगातार जारी है, लेकिन मुकदमों की सुनवाई के लिए जल्दी से अदालत में पहुंचने की जल्दबाजी में लोग ध्यान नहीं देते हैं और न्यायाधीशों के सामने से गुजर जाते हैं। न्यायाधीश चेम्बर से निकलकर बरामदे से जाते हैं तो कर्मचारी, अधिकारी भी गुजर रहे होते हैं तो कभी कभार ध्यान न देने से वे सम्मान नहीं कर पाते। इस स्थिति से बचने के लिए महानिबंधक मयंक जैन ने तीन अप्रैल को आदेश जारी कर न्यायमूर्ति के जाते समय रूक कर उनका सम्मान करने की सलाह दी गयी है। महानिबंधक कार्यालय के सभी विभागों में आदेश भेजा गया है।