उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की विधान परिषद सीट पर सदस्य पद (एमएलसी) पर चुने जाने के लिये होने जा रहे चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) एक बार फिर चुनावी मुकाबले के लिये तैयार हैं। विधान परिषद की मुजफ्फरनगर सहारनपुर सीट सहित 36 सीटों के लिये दो चरण में होने वाले चुनाव के लिये दोनों प्रमुख पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। भाजपा ने वंदना मुदित वर्मा को उम्मीदवार बनाया है जबकि सपा ने मोहम्मद आरिफ को इस सीट पर टिकट दिया है।
सहारनपुर की एडीएम (प्रशासन) अर्चना द्विवेदी ने रविवार को बताया कि विधान परिषद चुनाव के नामांकन की तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि 21 मार्च को नामांकन का अंतिम दिन है और 22 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। नाम वापसी का अंतिम दिन 24 मार्च है। इसके बाद 09 अप्रैल को मतदान और 12 अप्रैल को मतगणना होगी।
भाजपा ने सहारनपुर मंडल की 16 में से सात सीटों पर जीत की दर्ज
गौरतलब है कि इस सीट पर विधान परिषद चुनाव में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर एवं शामली जनपदों के सांसद, विधायक, जिला पंचायत सदस्य, मेयर, पार्षद, सभासद, प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्यों को मिलाकर कुल 5113 निर्वाचित प्रतिनिधि मतदान करेंगे। हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनाव में भाजपा ने सहारनपुर मंडल की 16 में से सात सीटों पर जीत दर्ज की है। बाकी नौ सीटों पर सपा गठबंधन प्रत्याशी विजयी हुए है।
जानें कौन है किस पार्टी का उम्मीदवार
भाजपा की प्रत्याशी वंदना वर्मा, वर्तमान में मुजफ्फरनगर की जिला पंचायत की सदस्य हैं। वह बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वर्गीय शशांक शेखर के भाई हैं मुदित वर्मा की पत्नी हैं। सपा के उम्मीदवार मोहम्मद आरिफ को रालोद का भी समर्थन प्राप्त है। सपा और भाजपा के बीच इस चुनाव को लेकर दिलचस्प मुकाबला होने की संभावना है। आरिफ, कारोबारी हैं और उन्होंने 2017 में मुजफ्फरनगर की बुढ़ना विधान सभा सीट से बसपा से टिकट मांगा था, लेकिन बसपा ने सईदा बेगम को अपना उम्मीदवार बना दिया। इसके बाद से आरिफ सपा से जुड़ गए।
मीरापुर सीट से इन्हें मिला टिकट
भाजपा उम्मीदवार वंदना वर्मा सपा और बसपा की सरकारों में मुजफ्फरनगर की जिला सहकारी बैंक की अध्यक्ष रह चुकी हैं। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई थी। वंदना वर्मा जिला पंचायत अध्यक्ष पद का भाजपा से टिकट चाहती थी, लेकिन वीरपाल निर्वाल को टिकट दे दिया गया था। वह विधान सभा चुनाव में भी मीरापुर सीट से भाजपा टिकट की दावेदार थी, लेकिन उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया गया। इस सीट से पूर्व में बसपा के महमूद अली, उनके भाई मोहम्मद इकबाल, चौधरी गजे सिंह और मुनव्वर हसन विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं।